
Jhansi Fire Incident Latest News: उत्तर प्रदेश के झांसी की रानी लक्ष्मी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को लगी आग के कारण 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। तो वहीं, अब इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है। यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अग्निकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने इस घटना के लिए यूपी सरकार और सीएम योगी जिम्मेदार ठहराया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को देर रात NICU वार्ड में आग लगने के कारण 10 नवजात बच्चों की मृत्यु हो गई। इस घटना पूरे देश को स्तबध कर दिया। हालांकि, घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद ही सीएम योगी ने 24 घंटों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री ने इस दुखद घटना पर शोक जताया। वहीं, मृतकों और घायलों के लिए पीएम और सीएम, दोनों ने आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है। बता दें, वार्ड में करीब 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे। आग के लगने के बाद अधिकत्तर बच्चों को बचा लिया गया। लेकिन 10 बच्चों की जान चली गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षअजय राय ने इस घटना के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में भी ऐसा हुआ। यह सरकार केवल जांच के आदेश दे रही है। योगी आदित्यनाथ पूरे देश में जाकर नफरत की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिम्मेदारी दी है कि वे लोगों की देखभाल करें और उनकी मदद करें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। केवल नफरत की राजनीति हो रही है। लोगों को परेशान किया जा रहा है। काम नहीं हो रहा है। यह सरकार अफसरों द्वारा चलाई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी खुद इसके (आग दुर्घटना) जिम्मेदार हैं।
अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना
इस घटना की कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकारी ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है।“
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