HSBC ने सेंसेक्स का टारगेट कम करके 26,900 किया

HSBC ने सेंसेक्स का टारगेट कम करके 26,900 किया

एचएसबीसी को लगता है कि भारतीय शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न नहीं देगा। उसके मुताबिक, यूआन डीवैल्यूएशन का असर रुपये सहित दूसरी करंसीज पर पड़ सकता है, जिससे इमर्जिंग मार्केट्स से विदेशी निवेशक पैसा निकालेंगे। भारत से कुछ विदेशी निवेशकों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया है और इस बीच एचएसबीसी ने सेंसेक्स के लिए 26,900 का टारगेट दिया है। बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को 27,831.54 पर रहा। एचएसबीसी के जितेंद्र श्रीराम और विकास आहूजा ने क्लायंट्स को भेजे नोट में लिखा है, संसद में बिल पास नहीं हो रहे हैं और चीन ने अपनी करंसी यूआन की वैल्यू कम कर दी है। इससे भारत से विदेशी निवेशक काफी पैसा निकाल सकते है। 12 अगस्त को खत्म हफ्ते में ऑफशोर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) सहित विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 50 करोड़ डॉलर निकाले थे। यह पिछले 74 हफ्तों में एफआईआई की सबसे बड़ी वीकली सेलिंग है। एचएसबीसी के मुताबिक, इससे पहले 2 फरवरी 2014 को खत्म हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 63.6 करोड़ डॉलर निकाले थे।

चीन ने यूआन की वैल्यू कम करने का पहला ऐलान 11 अगस्त को किया था। उसके बाद से रुपये में 2.3 पर्सेंट की गिरावट आई है। चीन के अपनी करंसी की वैल्यू कम करने के बाद भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। इस दौरान बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स 1 पर्सेंट फिसला है। एचएसबीसी के ऐनालिस्टों का कहना है, गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स और लैंड बिल संसद में पास नहीं हो पाए। इससे इन्वेस्टर्स सेंटिमेंट खराब हुआ है। अगस्त में अब तक फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने 500 करोड़ के शेयर बेचे है। वही, 2015 में अब तक ये लोग भारतीय शेयर बाजार में 47,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट कर चुके है।

हाल के हफ्तों में दूसरे विदेशी ब्रोकरेज हाउसों ने भी सेंसेक्स और निफ्टी के टारगेट में कटौती की है। कॉर्पोरेट प्रॉफिट ग्रोथ में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोतरी नहीं होने के चलते विदेशी ब्रोकरेज फर्मों ने यह कदम उठाया है। डोएचे बैंक ने दिसंबर 2015 तक के लिए सेंसेक्स का टारगेट 33,000 से घटाकर 31,000 कर दिया था। वहीं, सिटी ने इस साल के अंत के लिए सेंसेक्स का लक्ष्य 33,000 से कम करके 32,200 किया था। यूबीएस ने भी बेंचमार्क इंडेक्स के अपने टारगेट में कटौती की है। उसने इस साल के अंत तक के लिए पहले निफ्टी का टारगेट 9,200 रखा था। हालांकि, हाल में इस विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने इसे घटाकर 8,600 कर दिया है।

 

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