रिजर्व बैंक रख सकता है नीतिगत दरें स्थिर

रिजर्व बैंक रख सकता है नीतिगत दरें स्थिर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) मंगलवार को होने वाली तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर (रेपो) अपरिवर्तित रख सकता है। यह बात तीन वित्तीय संस्थाओं ने शुक्रवार को अलग-अलग रिपोर्ट में कही। इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (इंड-रा) ने कहा रिजर्व बैंक अगस्त की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों पर इंतजार करो और देखो को रणनीति अपना सकता है। एजेंसी ने कहा आरबीआई के पास नीतिगत दरों में और 0.25 प्रतिशत कटौती की गुंजाइश है। हालांकि, दरों में कटौती का ज्यादा उचित समय वर्ष 2015-16 की दूसरी छमाही होगा।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने कहा कि आरबीआई अगस्त में यथास्थिति बरकरार रखेगा ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए दरों में और कटौती का विकल्प खुला है। उसकी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक सितंबर तक 0.25 प्रतिशत और अंत में फरवरी में नीतिगत दर में कटौती करेगा।

एचएसबीसी के मुताबिक यदि बारिश में बाधा नहीं होती है और आरबीआई का मुद्रास्फीति संबंधी जनवरी 2016 तक का लक्ष्य पहुंच में रहता तो नीतिगत दर में और 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती थी, लेकिन इससे ज्यादा नहीं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति जून में आठ महीने के उच्च स्तर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गई।

ऐसा खाद्य उत्पादो, ईंधन, आवास, कपड़े, जूते-चप्पल और चीनी आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुआ। आरबीआई ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में दो जून को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। यह इस कैलेंडर वर्ष में तीसरी कटौती थी। जून की कटौती के बाद रेपो दर 7.25 प्रतिशत रह गई।

 

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