भारत में बढ़ते मध्य वर्ग को लुभाने में कामयाब रही है विदेशी कंपनियां

भारत में बढ़ते मध्य वर्ग को लुभाने में कामयाब रही है विदेशी कंपनियां

भारत में मध्यम वर्ग को आकर्षित करने में विदेशी कंपनियां कामयाब रही है। इसे और आकर्षक बनाने के लिए कंपनियां प्रयास कर रही है। एक इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 तक भारत के उपभोक्ताओं का खर्च दोगुना वृद्धि के साथ 2.4 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।

ईआईयू के मुताबिक, भारत में बढ़ते मध्यम वर्ग ने मैन्युफैकचरर्स और रिटेलर्स की संभावनाओं को बढ़ाया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अभी भी कृषि प्रधान देश बना हुआ है और यहां दुनिया के तकरीबन 40 फीसदी गरीब रहते है। इसके साथ ही मध्यम वर्ग के पास सीमित खर्च योग्य आय होती है। ऐसे में बड़ी और मीडियम साइज कार की मांग सीमित ही बनी रहेगी। वहीं दूसरी ओर आय में हो रही वृद्धि ने भारत की तकरीबन 1.2 अरब जनसंख्या को कंज्यूमर गुड्स के लिए एक प्रमुख बाजार बना दिया है।

ईआईयू ने कहा है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी बना रहेगा। ईआईयू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2013-14 में भारत में व्यक्तिगत उपभोग खर्च 1 लाख करोड़ डॉलर था, जो 2018-19 में बढ़कर 2.4 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। इसमें आगे कहा गया है कि भारत में मध्यम वर्ग की संख्या बहुत अधिक है, जो मैन्युफैक्चरर्स और रिटेलर्स के लिए काफी संभावनाएं पैदा करता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बहुत अधिक खुले घरेलू बाजार के साथ ही व्यक्तिगत आय में तेज वृद्धि भारत को विदेशी कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाएगी।

 

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