होंडा भारत को कलपुर्जों का निर्यात केंद्र बनाएगी

होंडा भारत को कलपुर्जों का निर्यात केंद्र बनाएगी

जापान की प्रमुख वाहन कंपनी होंडा की अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कारखानों को वाहन कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए भारत को निर्यात केंद्र बनाने की योजना है। इसके साथ ही वह यहां बने मॉडलों की विदेश में आपूर्ति बढ़ाने की भी सोच रही है। होंडा कार्स इंडिया के अध्यक्ष व सीईओ कात्सुशी इनोयूई ने यह जानकारी दी। कंपनी ने 2014-15 में 722 करोड़ के वाहन कलपुर्जों का निर्यात किया था। कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष में इसे 50 फीसदी बढ़ाकर 1,100 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी अमेरिका, चीन व कनाडा जैसे और देशों को निर्यात सूची में शामिल करेगी। उन्होंने कहा,  हम भारत से काफी कलपुर्जों का निर्यात कर रहे है। हम निश्चित रूप से यहां से निर्यात बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि हम इसे वैश्विक निर्यात केंद्र बनाना चाहते है।

होंडा का कलपुर्जों का निर्यात धीरे धीरे बढ़ रहा है। साल 2013-14 में उसका कलपुर्जा निर्यात कारोबार 420 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी टपुकड़ा (राजस्थान) कारखाने में बने विभिन्न कलपुर्जे अपने वैश्विक परिचालनों के लिए भेजती है। इनमें जापान, थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलिपींस, ताइवान, वियतनाम, ब्रिटेन, ब्राजील व मैक्सिको शामिल है। कंपनी शीघ्र ही अमेरिका, चीन व कनाडा में अपने परिचालनों को कलपुर्जों का निर्यात शुरू करेगी। इनोयूई ने कहा कि होंडा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल से बहुत सामंजस्य है। उन्होंने कहा, होंडा की भारत से अपेक्षाएं बहुत ऊंची हैं। भविष्य में बहुत संभावनाएं है। फिलहाल यह हमारे लिए अमेरिका, चीन व जापान के बाद चौथा सबसे बड़ा बाजार है।

भारत से कारों के निर्यात के बारे में उन्होंने कहा कि होंडा संख्या बढ़ाने पर विचार करेगी लेकिन यह उन्हीं देशों को होगा जहां ड्राइविंग सीट दाहिनी ओर होती है। होंडा कार्स इंडिया ने बीते वित्त वर्ष में 8,403 वाहनों का निर्यात किया था जबकि 2013-14 में यह संख्या 5,798 रही थी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी ने 1,858 वाहनों का निर्यात किया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने अपने हैचबेक जैज को हाल ही में भारतीय बाजार में फिर से पेश किया है। जबकि इसका निर्यात उसने इस पेशकश से पहले ही शुरू कर दिया था।

 

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