
भारत 100 अरब डॉलर के ब्रिक्स बैंक के फंड में 18 अरब डॉलर का योगदान करेगा। न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) नाम के इस बैंक की स्थापना पांच ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने की है। इस बैंक का प्रेसीडेंट आइसीआइसीआइ बैंक के चेयरमैन रहे केवी कामथ को बनाया गया है। वह पांच साल तक इस पद पर रहेंगे। कामथ के मुताबिक यह बैंक किसी अन्य संस्थान से प्रतिद्वंद्विता नहीं करेगा। विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और एशियाई विकास बैंक भी सहयोगी है, जो दुनिया के विकास के लिए काम कर रहे है। पांचों ब्रिक्स देशों के केंद्रीय बैंको ने बीते सात जुलाई को मॉस्को में बैंक परिचालन समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। एनडीबी में अधिकतम 41 अरब डॅालर का योगदान चीन करेगा। इतना ही योगदान ब्राजील और रूस करेंगे। दक्षिण अफ्रीका पांच अरब डॅालर डालेगा। इस बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा।
इसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मंगलवार को यहां बैठक हुई थी। यहां अगले दिन ब्रिक्स सम्मेलन होने जा रहा है। इसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन के दौरान पांचों देशों के राष्ट्राध्यक्ष एनडीबी की भावी योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर फैसला करेंगे। इस ब्रिक्स बैंक को विशेषज्ञों की ओर से विश्व बैंक, मुद्राकोष और एशियाई विकास बैंक का विकल्प बताया जा रहा है। एनडीबी विकासशील देशों की विकास परियोजनाओं को भरपूर वित्तीय मदद प्रदान करेगा।
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