डिजिटल इंडिया से दूरदराज के इलाकों तक विकास का फायदा पहुंचेगा: मोदी

डिजिटल इंडिया से दूरदराज के इलाकों तक विकास का फायदा पहुंचेगा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम लॉन्च किया। यह सरकार का फ्लैगशिप इनीशटिव है, जिससे अमीर और गरीब और दूरदराज के इलाकों तक विकास का फायदा पहुंचेगा। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में 4.5 लाख करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट होने की उम्मीद है और इससे 18 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री इलेक्ट्रॉनिक गुड्स में देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते है। वह चाहते हैं कि सायबर सिक्यॉरिटी के मामले में भारत लीडरशिप रोल निभाए। डिजिटल इंडिया का मकसद देश को इनोवेशन का अड्डा बनाना भी है। मोदी ने प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए कहा, मैं डिजिटल इंडिया की संकल्पना करता हू, जहां दुनिया अगले बड़े आइडिया के लिए भारत की तरफ देखे। इस प्रोग्राम में देश के जाने-माने उद्योगपति भी शामिल हुए।

इस प्रोग्राम का मकसद सभी देशवासियों को डिजिटल एक्सेस देना है। इससे सरकार की जवाबदेही तय होगी और सेवाएं लोगों को ऑनलाइन मिलेंगी। मोदी ने कहा कि डिजिटल एक्सेस हर किसी को मिलना चाहिए। उन्होंने ब्रिटिश राज की ओर संकेत करते हुए कहा, हम औद्योगिक क्रांति का फायदा इसलिए नहीं उठा पाए क्योंकि हम तब गुलाम थे। जब बात आईटी क्रांति की होती है तो देश आजाद है। यह नौजवानों का मुल्क है। हम इस मौके को नहीं गंवा सकते।

मोदी ने कहा कि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के नारे को सच करने में टेक्नॉलजी का बड़ा रोल है। ई-गवर्नेंस के लिए भी डिजिटल एक्सेस जरूरी है। ई-गवर्नेंस का मतलब ईजी और इकनॉमिक गवर्नेंस भी है, जो जल्द ही एम-गवर्नेंस की जमीन तैयार करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, एम का मतलब मोदी गवर्नेंस नही, बल्कि मोबाइल गवर्नेंस है। आप अपने मोबाइल के जरिये सरकार तक पहुंच सकेंगे। यह दिन अब ज्यादा दूर नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे बच्चे मोबाइल फोन उठाकर उसके कीज को दबाने लगते है। यह डिजिटल पावर को मुट्ठी में भरने का प्रतीक है। मोदी ने कहा, हमें इस बात को समझना होगा। यह वक्त की जरूरत है। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम बाकी दुनिया से काफी पीछे छूट जाएंगे। अभी भारत में 25-30 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जो बड़ी संख्या है। हालांकि, जिन लोगों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है, उनकी की संख्या बहुत बड़ी है। अमीर-गरीब की तरह डिजिटल एक्सेस की खाई को भी पाटने की जरूरत है।

मोदी ने कहा कि शुरुआत में लोग नदियों और समुद्र तट के पास बसे। उसके बाद वे हाईवे के करीब रहने लगे। मोदी ने कहा, हालांकि, अब लोग वहां रहेंगे, जहां ऑप्टिकल फाइबर है। भारत सवा सौ करोड़ लोगों का देश है। इसमें युवाओं की बड़ी संख्या है। इस युवा ताकत को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, डेमोग्राफिक डिविडेंड (बड़ी युवा आबादी) को डिजिटल ताकत देनी होगी। हमें देश को तैयार करने की जरूरत है।

 

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