24,000 करोड़ की वैट वसूली नहीं होगी आसान

24,000 करोड़ की वैट वसूली नहीं होगी आसान

पिछले साल के मुकाबले करीब एक चौथाई ज्यादा वैट वसूली का लक्ष्य रखने वाली दिल्ली सरकार के लिए इसे पाना किसी करिश्मे से कम नहीं होगा। सेल्स टैक्स की जगह वैट लागू होने के बाद के वर्षों में वैट वसूली की ग्रोथ रेट औसतन पर्सेंट रही हैजबकि पिछले साल यह आंकड़ा महज पर्सेंट दर्ज किया गया। अब तक की सबसे ज्यादा 24 पर्सेंट ग्रोथ साल में दर्ज की गई थीजो नई इनडायरेक्ट टैक्स रिजीम के फायदे के रूप में देखी जाती है। ट्रेडर्स को आशंका सता रही है कि शुरू में सरलीकरण और ढिलाई की बात करने वाली सरकार कहीं लक्ष्य पूरा करने के लिए सख्ती के दूसरे रास्ते न अख्तियार कर ले।

वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार ने करोड़ रुपये की वैट वसूली की हैजो वित्त वर्ष के करोड़ के मुकाबले पर्सेंट ज्यादा है। उसके पिछले दो वर्षों में क्रमश: और 9 पर्सेंट की ग्रोथ देखी गई थी। साल का हाल भी जैसा थाजब सिर्फ पर्सेंट ज्यादा टैक्स मिला। पिछले साल वैट वसूली में रिकॉर्ड गिरावट के पीछे दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वे में ग्लोबल स्लोडाउन को जिम्मेदार बताया गया है कि लेकिन के बाजारों और वैट मामलों के जानकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि की मंदी के दौरान भी दिल्ली सरकार ने पर्सेंट ज्यादा वैट वसूला था जबकि उसके बाद के दो वर्षों और में टैक्स कलेक्शन की वृद्धि दर पर्सेंट रही थी।

दिल्ली के डेप्युटी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया का कहना हैमौजूदा वित्त वर्ष के शुरू के दो महीनों में पिछले साल की उसी अवधि के मुकाबले पर्सेंट ज्यादा वैट वसूली हुई है। इसे देखते हुए पर्सेंट ज्यादा वसूली कठिन नहीं लगती।लेकिन वैट विभाग के एक अधिकारी ने बताया के आखिरी महीनों में विभाग ने करोड़ से ज्यादा का अडवांस वैट वसूला थाजबकि के अंत में अडवांस टैक्स नाम मात्र ही वसूले गए। इससे अप्रैल और मई के आंकड़े पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर दिख रहे है। जरूरी नहीं कि आने वाले महीनों में यह ग्रोथ दिखे।

अधिकारियों के मुताबिक में किसी ग्लोबल स्लोडाउन का अगर वैट पर असर हुआ तो वह क्रूड ऑइल की कीमतों में गिरावट थी। इससे साल के मध्य में डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर दिल्ली सरकार को करीब पर्सेंट कम टैक्स मिलालेकिन दाम चढ़ने के साथ ही आखिरी महीनों में काफी रिकवरी हुई।

ट्रेडर्स ने बड़े टारगेट पर आशंकाएं जताई हैलेकिन कई राहत भी महसूस कर रहे है कि यह लक्ष्य सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रस्तावित करोड़ के टारगेट से काफी कम है। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के जनरल सेक्रटरी संजय भार्गव ने सवाल उठायालक्ष्य तो ठीक हैलेकिन सरकार ने कहा था कि जिस बाजार से जितना वैट आएगाउसका एक हिस्सा वहां के विकास पर खर्च होगा। हैरानी की बात है कि बजट में इस बारे में कोई रोडमैप नहीं है। 

Leave a comment