
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति एन. पी. ए. में बढ़ौतरी होने की आशंका से हतोत्साहित निवेशकों की बैंकिंग के साथ ही विभिन्न समूहों में बिकवाली से आज शेयर बाजार पिछले सत्र की तेजी खोकर गिरावट पर बंद हुए।
मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून के कमजोर रहने के अनुमान के विपरीत करीब दो सप्ताह पहले ही लगभग पूरे देश में मानसून के पहुंचने और सामान्य से अधिक बारिश होने के रुख से रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में और कटौती करने की उम्मीद से मजबूती पर खुलने के बावजूद एन.पी.ए. बढऩे की आशंका में सत्र के अंत में बी. एस. ई. का सैंसेक्स 84.13 अंक टूटकर 27811.84 अंक पर और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज एन. पी. ए. का निफ्टी 16.90 अंक फिसलकर 8381.10 अंक पर रहा।
एन. पी. ए. ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर 2014 से बैंकिंग क्षेत्र के जोखिमों में मामूली कमी आई है लेकिन अगली कुछ तिमाहियों में अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर में और बढ़ौतरी होने का खतरा बना हुआ है। केंद्रीय बैंक की इस आशंका ने निवेशकों को हतोत्साहित किया है। साथ ही यूनान ऋण संकट के समाधान का प्रयास विफल होने से विदेशी बाजारों की गिरावट से भी घरेलू बाजार का रंग फीका पड़ा है।
हालांकि सरकार के स्मार्ट सिटी अटल शहरी मिशन और सबके लिए घर योजना की शुरूआत ने बाजार को और अधिक गिरने से बचाए रखा। विदेशी बाजारों के प्रति निवेशकों की निवेश धारणा कमजोर रही। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.90 प्रतिशत जापान का निक्की 0ण्31 प्रतिशत हांगकांग का हैंगसैंग 1.78 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 7.38 प्रतिशत लुढ़क गया जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.25 प्रतिशत की मजबूती रही।
एन. पी. ए. के 13 में से सात समूह के शेयरों में गिरावट रही जबकि शेष छह में तेजी देखी गई। बिकवाली के दबाव में पीएसयू एफएमसीजी बैंकिंग पावर तेल एवं गैस धातु और कैपिटल गुड्स समूह के शेयर 1.11 प्रतिशत तक टूटे जबकि लिवाली के बल पर हैल्थकेयर आईटी ऑटो टेक रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समूह के शेयर 1.60 प्रतिशत तक चढ़े।
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