
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता आंशिक तौर पर बहाल कर ली गई है। लेकिन यह गति अगले दो साल तक बरकरार रहनी चाहिए ताकि वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीता जा सके और उन्हें आश्वस्त किया जा सके। जेटली यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व करने आए थे। उन्होंने कहा कि भारत को चार-पांच साल की नरमी के बाद रफ्तार पकड़ते देखकर निवेशकों में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि हमें इसे बहाल करना है आंशिक तौर पर हमने यह कर लिया है और अगले एक-दो साल में हमें भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बहाल करना जारी रखना है। तभी विश्व भर के निवेशक आश्वस्त महसूस करेंगे। शुरुआती संकेत अच्छे है लेकिन मुझे लगता है कि इस गति को कुछ समय तक बरकरार रखना होगा। निवेशकों में भारी उत्साह की वजह के बारे में उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि सुधार प्रक्रिया स्पष्ट है और सरकार की सोच साफ है। बहुत से बदलाव प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा नहीं कर रही है इसलिए निवेशक एक बेहतर जगह की तलाश में हैं जहां वे अपनी पूंजी का निवेश कर सकते हैं, ऐसे में वे देखते हैं भारत ज्यादा तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज निवेशक बहुत चालाकी और समझदारी से बेहतर रिटर्न की तलाश में लगे रहते हैं ताकि वैश्विक कमजोरी के बीच भी लाभ लिए जा सके।
बैंकों में पूंजी प्रवाह के संदर्भ में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि अगले तीन-छह महीनों मे सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों में पूंजी प्रवाह बढ़ाया जाएगा। जेटली ने चालू वित्त वर्ष के दौरान बजट में बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 7,940 करोड़ रुपये का निर्धारण किया है। जेटली यहां एक कार्यक्रम में सरकार की दिशा, नीति निर्धारण के साथ-साथ राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के संदर्भ में बोल रहे थे। वित्त मंत्री अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। गौरतलब है कि 12 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद जेटली ने कहा था कि बैंकों में पूंजी प्रवाह बढ़ाया जाएगा। वहीं वर्ष 2014-15 के दौरान सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में प्रदर्शन के आधार पर करीब 6990 करोड़ रुपये निवेश किए गए थे।
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