
शेयर बाजार में इस सप्ताह भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान व मानसून की प्रगति बाजार की दिशा निर्धारित करेगी।रिलायंस सिक्योरिटीज लिमिटेड के शोध प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, इससे आगे किसी घरेलू अथवा वैश्विक घटनाक्रम के अभाव में मानसून की प्रगति अल्पावधि में बाजार धारणा को निर्धारित करेगी क्योंकि जुलाई और अगस्त के महीने में फसलों की बुवाई होती है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि यूनान के संकट का क्या नतीजा निकलता है इस पर भी बाजार की चाल निर्भर करेगी।
इसके अलावा विदेशी निवेशकों के निवेश का रख, डॉलर के मुकाबले रपये की घटबढ़ और कच्चे तेल की कीमत भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। बाजार के कारोबारियों का कहना है कि मानसून की प्रगति कैसी रहती है इस पर निवेशकों की नजर होगी। कुल मिलाकर देश में अभी तक सामान्य सीमा से 10 प्रतिशत अधिक की बरसात हुई है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि व्युत्पन्न अनुबंध की समय सीमा का सप्ताह होने के कारण बाजार में उतार चढ़ाव की संभावना है क्योंकि वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की समयसीमा गुरवार को समाप्त होगी।बीते सप्ताह साप्ताहिक आधार पर बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमश: 890.83 अंक और 242.05 अंक की तेजी आई है और पिछले तीन सप्ताह से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया। सप्ताहांत में सेंसेक्स 27,316.17 अंक और निफ्टी 8,224.95 अंक पर बंद हुआ।
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