
एक तरफ तो सरकार महंगे एयरफेअर की शिकायतों से जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर पता चला है कि एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स के लिए मार्केट रेट से कम कीमत पर टिकट बेची जा रही है। एयर इंडिया के विजिलेंस डिपार्टमेंट की एक जांच में यह खुलासा हुआ है कि दिल्ली-अगरतला रूट पर एयरलाइन ने 85 फीसदी सीटों के टिकट कम दाम पर बेचे है। सामान्य किरायों के मुकाबले यह 50 फीसदी तक कम थे।
नाम जाहिर न करने की शर्त पर एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने छह महीने के किराए ऑडिट करके इस साल अप्रैल में अपनी रिपोर्ट दी थी। उन्हें पता चला कि दिल्ली-अगरतला रूट पर 140 में से 120 सीटों के टिकट सस्ते दाम पर बेचे गए।
अधिकारी ने बताया कि विजिलेंस डिपार्टमेंट ने एयरलाइन को हाइएस्ट प्राइस ब्रैकेट में ज्यादा सीटें रखने की सलाह दी है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, जांच के बाद किरायों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव से एयरलाइन की आमदनी प्रति फ्लाइट 50,000 रुपये बढ़ेगी।
विजिलेंस रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक अन्य अधिकारी ने कहा कि डिपार्टमेंट ने सस्ती टिकटों के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं पाया है। एक अधिकारी ने कहा, हालांकि विजिलेंस डिपार्टमेंट कई घरेलू और इंटरनैशनल रूट्स की ऑडिटिंग कर रहा है। जांच के बाद सभी रूटों के लिए डिपार्टमेंट अपने सुझाव देगा। एयर इंडिया के एक टॉप अधिकारी ने विजिलेंट रिपोर्ट को सही ठहराते हुए कहा कि किराये कॉम्पिटिटर की प्राइसिंग के आधार पर तय किए जाते है।
अधिकारी ने कहा, रेवेन्यू मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि टिकटों की प्राइसिंग कॉम्पिटिटर्स की प्राइसिंग के आधार पर होती है। हमारी कोशिश यही रहती है कि फ्लाइट खाली उड़ान न भरे। हालांकि, हमने विजिलेंस डिपार्टमेंट के सुझाव लागू कर दिए हैं लेकिन हमारे टिकट की प्राइसिंग प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से अलग नहीं रह सकती। दिल्ली-अगरतला रूट पर इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया के इकनॉमी क्लास का किराया कोलकाता में एक स्टॉप के साथ 5,000 से 16,000 के बीच है।
एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि इंटरनैशनल फ्लाइट्स में इस तरह की जांच से मदद मिलेगी क्योंकि उनमें एयर इंडिया को काफी लॉस हो रहा है। एयर इंडिया की सभी मीडियम और लॉन्ग हॉल इंटरनैशनल फ्लाइट्स नुकसान में है। सरकारी एयरलाइन कंपनी सरकार के 30,000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज से चल रही है। फिस्कल ईयर 2014-15 में एयर इंडिया को 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
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