
अपने खजाने को
भरने के लिए आयकर विभाग की नजर अब तेजी से उभरते ई.वाणिज्य कारोबार पर है।
इलैक्ट्रॉनिक.वाणिज्य क्षेत्र द्वारा की जा रही कई तरह की सेवाओं के व्यवसाय पर
आयकर विभाग की नजर है।
विभाग ने इस
संबंध में आधिकारिक तौर पर आकलन रिपोर्ट तैयार की है। इन ऑनलाइन पोर्टलों द्वारा
की जाने वाली विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक सेवाओं के लिये विभाग ने स्रोत पर
कटौती टीडीएस की विशेष श्रेणी बनाई है जिसके तहत इन ऑनलाइन सेवाओं के लिए किये
जाने वाले भुगतान पर यह कटौती की जाएगी।
आयकर विभाग की
नीति निर्माता इकाई केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने इस बारे में विशेष
रणनीतिक कार्ययोजना तैयार की है ताकि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व वसूली को
बढ़ाया जा सके। बोर्ड ने कर अधिकारियों से भी कहा है कि इस तरफ विशेष ध्यान दे।
क्षेत्र के 2015.16
के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार संगठित और असंगठित
एजेंसियों की विभिन्न वेबसाइट पर दिए जाने वाले विज्ञापनोंए वेबसाइट तैयार करने को
दिए जाने वाले भुगतानों अनुवाद कार्य डाटा एंट्री कार्य शोध सहित कई ऑनलाइन कार्य
हैं जिनमें टीडीएस श्रेणी के तहत उल्लेखनीय राजस्व प्राप्त हो सकता है।
आयकर विभाग के
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ई.रिटेल अथवा ई.कामर्स कर राजस्व जुटाने के लिहाज से नया
व्यवसाय है। तेजी से उभरते इस क्षेत्र में पैसे का काफी लेनदेन हो रहा है। विभाग
ने इस संबंध में कुछ रुझान तैयार किए हैं और तय किया गया है कि बेहतर टीडीएस वसूली
के लिए बहुप्रचलित इस ऑनलाइन क्षेत्र में पूरी गंभीरता के साथ संभावनाओं का दोहन
किया जाए।
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