सुप्रीम कोर्ट सुब्रत रॉय की जमानत पर सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट सुब्रत रॉय की जमानत पर सुनवाई आज

सुब्रत राय जो पिछले काफी महीने से जेल में सजा काट रहे है दरअसल आज उन्हे मिल लकती है जमानत। जानकारी के मुताबिक सहारा सुप्रीमो सुब्रत रॉय की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है। सुब्रत रॉय के वकीलों ने दावा किया है कि उनकी जमानत रकम का इंतजाम हो चुका है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि करीब एक साल से तिहाड़ जेल में सजा काट रहे सहारा प्रमुख जमानत पर रिहा हो सकते है।

इससे पहले इसी साल 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को सुब्रत रॉय और दो निदेशकों को जेल से रिहा कराने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जुटाने की अंतिम मोहलत दी थी। इस राशि का उपयोग निवेशकों को आंशिक भुगतान करने के लिए किया जाएगा, जिसे सहारा ग्रुप की कंपनियों ने 2008-09 में वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) के जरिए निवेशकों से जुटाई थी।

न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की पीठ ने सहारा को कुछ और संपत्ति देश में बेचने की अनुमति भी दी थी, जिससे हांगकांग की कंपनी नुआम फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स से मिलने वाली राशि और कोर्ट के आदेश के मुताबिक किए जाने वाले भुगतान के बीच के फासले की पूर्ति की जा सके। नुआम फाइनेंशियल सर्विसिस से मिलने वाली राशि के बाद भी कंपनी को 650 करोड़ रुपये जुटाने थे और उसके लिए सहारा को देश भर में मौजूद उसकी 10 संपत्तियों को बेचने की अनुमति मिली थी।

अगर इन 10 संपत्तियों को बेचने के बाद भी राशि पूरी नहीं होती, तो कोर्ट ने सहारा को उसके एंबी वैली संपत्ति को भी बेचने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने 26 मार्च, 2014 के आदेश का पालन करने के लिए सभी तरह के विकल्पों की तलाश करने के लिए सहारा को तीन महीने का समय दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर सहारा 5,000 करोड़ रुपये नकद और इतनी ही राशि की बैंक गारंटी जुटा पाने में सफल नहीं होगा, तो सहारा की संपत्ति को बेचकर उतनी राशि जुटाने के लिए सरकारी प्रबंधनकर्ता नियुक्त किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त, 2012 को सहारा की दो कंपनियों- एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल को निर्देश दिया था कि वे निवेशकों को 17,400 करोड़ रुपये 15 फीसदी ब्याज के साथ वापस करे, जो उन कंपनियों ने 2008-09 में ओएफसीडी के जरिए जुटाई थी। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक यह राशि दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है।


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