
फेसबुक ने डिवेलपर्स के लिए अपनी फ्री इंटरनेट एक्सेस साइट Internet.org को ओपन कर दिया है। इसका मकसद ज्यादा कंटेंट और सर्विसेज जुटाना है। फेसबुक में Internet.org के वाइस प्रेसिडेंट (प्रॉडक्ट्स) क्रिस डेनियल्स ने इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि यह कदम उन चिंताओं को दूर करेगा, जिसमें कहा गया है कि यह प्रोग्राम एक चारदीवारी वाले बगीचे की तरह है और इसका मकसद केवल कुछ ऐप मेकर्स को फायदा पहुंचाना है
Internet.org पर आप क्या घोषणा कर रहे है?
प्रोग्राम में हम दो बड़े बदलावों की घोषणा कर रहे है। यह अब एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जो किसी भी डिवेलपर को एक्सेस करने और एप्लिकेशन बनाने की सहूलियत देगा और Internet.org के जरिए इस तक पहुंच बनाई जा सकेगी। दूसरा, चूंकि इसमें बहुत ज्यादा एप्लिकेशंस होने जा रहे है इसलिए हम कंज्यूमर्स को सर्च का तरीका भी उपलब्ध करा रहे है ताकि कंज्यूमर्स Internet.org के जरिए एक्सेस किए जाने वाले एप्लिकेशंस को आसानी से ढूंढ़ सकें और उन्हें चुन सके।
इसके फेसबुक पर अप्लाई किए गए जैसे तीन मानक होंगे। पहला, हम चाहते हैं कि लोग ब्रॉडर इंटरनेट तक पहुंच बनाए। दूसरा, मापदंड कार्यक्षमता से जुड़ा होगा। वहीं, तीसरा मानक टेक्निकल गाइडलाइंस से जुड़ा होगा।
फेसबुक या डिवेलपर्स डेटा के लिए ऑपरेटर्स को भुगतान नहीं कर रहे है। डिवेलपर्स इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए हमें कोई पेमेंट नहीं दे रहे है। यह फ्री है। यह प्रोग्राम इस तरह काम करता है कि इसमें लोगों को इंटरनेट का इंट्रोडक्शन मिलता है और इसके बाद इंटरनेट के पेइंग यूजर्स बन जाते हैं। ऑपरेटर्स के लिए यह कस्टमर्स हासिल करने का एक जरिया है।
आलोचकों का कहना है कि Internet.org का इस्तेमाल करके फेसबुक अपनी साइट पर ज्यादा सब्सक्राइबर्स को आकर्षित कर रही है?
Internet.org पर फेसबुक का जो वर्जन है, उसे हमने आसान बनाया है। इसमें कोई पिक्चर्स या वीडियो नहीं है। हमने सभी तरह के विज्ञापनों को भी हटा दिया है। असल में हम लोगों को इस बात से रूबरू करा रहे हैं कि फेसबुक और दूसरी सर्विसेज क्या है।
Internet.org जैसे कुछ प्रॉडक्ट है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य ज्यादा लोगों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ना है और इसका इकनॉमिक मॉडल इस तरह बनाया गया है, जो केवल तभी काम करता है, जबकि ज्यादा लोग ऑनलाइन हों। जीरो-रेटेड प्रॉडक्ट्स के दूसरे प्रकार भी है, केस दर केस आधार पर जिनका आकलन किए जाने की जरूरत है।
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