
कल देर रात हुई फेडरल रिजर्व की बैठक में अमेरिका में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसी के साथ फेड ने ही ब्याज दरों में बदलाव को लेकर आगे के भी सभी संकेत मिटा दिए।
दरों में कोई बदलाव नहीं होने के बाद अब भी अमेरिका में ब्याज दरें 0.0-0.25 फीसदी पर बरकरार रहेंगी। फेड को उम्मीद है कि फिलहाल महंगाई दर कम ही रहेगी। फेड के मुताबिक लेबर मार्केट में सुधार के बाद ही दरें बढ़ाने पर फैसला होगा, लेकिन दरें बढ़ाने के समय पर कोई नया संकेत नहीं दिया जा सकता है।
फेड का कहना है कि 2 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य हासिल करने के बाद ही दरें बढ़ेंगी। तेल-गैस की कीमतें नरम रहने से अभी महंगाई दर 2 फीसदी के लक्ष्य से नीचे है। कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार बरकरार है, लेकिन इकोनॉमी में सुधार काफी धीरे हो रहा है और पहली तिमाही के बाद ही ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। पहली तिमाही में अमेरिका की जीडीपी 0.2 फीसदी रही।
वहीं फेड की बैठक के कारण अमेरिकी बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। साथ ही 0.25 फीसदी से भी कम जीडीपी ने अमेरिकी बाजारों पर दबाव बनाने का काम किया, जबकि पहली तिमाही में जीडीपी 1 फीसदी रहने का अनुमान था। तिमाही दर तिमाही आधार पर पहली तिमाही में जीडीपी 2.2 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी रही।
बुधवार के कारोबारी सत्र में डाओ जोंस 74.6 अंक यानि 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ 18035.5 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 7.9 अंक यानि 0.4 फीसदी की कमजोरी के साथ 2106.8 के स्तर पर बंद हुआ है। इसके अलावा नैस्डेक 31.8 अंक यानि 0.6 फीसदी गिरकर 5023.6 के स्तर
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