
केंद्र सरकार द्वारा कुछ दिनों में लागू किए जा रहे रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल 2014 के विरोध में राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में चक्काजाम की खबर है। दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों ने हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बसें हड़ताल पर है। कई जगहों से हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। सोनीपत में रोडवेज की बसों का चक्का जाम होने से यात्री रहे परेशान है और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर मुस्तैद है। वहीं रेवाड़ी में रोडवेज की हड़ताल बेअसर नजर आ रही है। यहां मौजूदा यूनियन राजनीतिक कारणों से निष्क्रिय है। दिल्ली में बृहस्पतिवार को दिनभर सड़कों पर ऑटो रिक्शा व टैक्सियां नहीं चलेंगी, जिससे दिल्ली वालों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एयरपोर्ट और तमाम रेलवे स्टेशनों पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ेगा। हड़ताल की चेतावनी ऑटो-टैक्सी संगठनों ने पहले ही सरकार को दे दी थी, मगर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं होने से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 30 को पूरे दिन ऑटो-टैक्सी वाले चक्का जाम कर विरोध जताएंगे। भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में आयोजित हड़ताल को ऑटो टैक्सी चालक सेना ने भी समर्थन करने का निर्णय लिया है। क्यों कर रहे है
बिल का विरोध : ऑटो-चालकों का कहना है कि इस बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में सड़क पर गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं होगा। किसी कारणवश कोई कागजात साथ ना रहे तब भी पांच हजार रुपये का जुर्माना कोई चालक कैसे देगा। वहीं लालबत्ती जंप करने, लाइसेंस ना होने, सीट-बेल्ट नहीं पहनने आदि पर जिस तरह भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है, यह किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है। ऑटो रिक्शा चालक महामंत्री राजेंद्र सोनी ने बताया कि राजधानी में ऑटो-टैक्सी चालकों की समस्याओं ज्यों की त्यों बनी हुई है। ऊपर से केंद्र सरकार द्वारा ला जा रहे बिल से दोहरी मार पड़ेगी। यातायात पुलिस बिना वजह ऑटो चालकों का चालान काट रही है। दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारी परमिट हस्तांतरण कराने वाले चालकों को परेशान कर रहे हैं। इसलिए अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है।
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