
रतन टाटा ने चीन की सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी कॉर्प में इनवेस्टमेंट किया है। वह दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली टेक्नोलॉजी स्टार्टअप में पैसा लगाने वाले पहले भारतीय है। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि रतन टाटा ने कंपनी में कितनी रकम लगाई है। शाओमी ने पिछले साल 1.1 अरब डॉलर जुटाए थे। स्मार्टफोन कंपनी की वैल्यू 45 अरब डॉलर है। 76 साल के रतन टाटा का यह डिजिटल इकनॉमी सेगमेंट में छठा इनवेस्टमेंट है। वह टाटा संस के चेयरमैन एमिरेटस है।
शाओमी के फाउंडर और सीईओ लेई जून ने रविवार को एक स्टेटमेंट में बताया, रतन टाटा दुनिया के जाने माने बिजनेस लीडर्स में से एक हैं। कंपनी में उनके इनवेस्टमेंट से पता चलता है कि भारत में हम सही स्ट्रैटेजी अपना रहे हैं। शाओमी इंडिया के हेड मनु जैन ने ईटी को रतन टाटा के हवाले से बताया, शाओमी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में से एक है। उसका बिजनेस मॉडल इनोवेटिव है और भारत में उसके क्वॉलिटी प्रॉडक्ट्स को शानदार सफलता मिली है। 45 साल के जून पिछले एक हफ्ते से मुंबई और दिल्ली में थे। इस दौरान उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन सायरस मिस्त्री और देश के दूसरे टॉप लीडर्स, स्टार्टअप्स, कस्टमर्स और रिटेल पार्टनर्स से मुलाकात की।
शाओमी भारत में और प्रॉडक्ट्स लाना चाहती है। भारत 2015 में कंपनी का मेन फोकस एरिया होगा। वह पांच साल में यहां नंबर वन हैंडसेट कंपनी बनना चाहती है। चीन में भी इतने ही समय में कंपनी ने लीडरशिप पोजीशन हथियाने का लक्ष्य रखा है। जैन ने बताया, रतन टाटा ने निजी हैसियत से यह इनवेस्टमेंट किया है। हालांकि, उन्होंने रकम की जानकारी नहीं दी और न ही यह बताया कि किस वैल्यू पर रतन टाटा ने स्टेक खरीदा है। जैन ने बताया कि टाटा और शाओमी के बीच कुछ हफ्तों से अधिक समय तक इसके लिए बातचीत हुई थी। जैन ने कहा, हम रतन टाटा को अपने अहम सलाहकार के तौर पर देखते हैं। हम उनसे समय-समय पर पूछेंगे कि कैसे शाओमी को वास्तविक अर्थों में एक इंडियन कंपनी बनाया जा सकता है। उनसे बेहतर एडवाइजर हमें भला कहां मिलेगा?
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