OIL और ONGC को मिली LPG सब्सिडी पेमेंट से छूट

OIL और ONGC को मिली LPG सब्सिडी पेमेंट से छूट

डोमेस्टिक ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन को बड़ा प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया (ओआईएल) को मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में एलपीजी सब्सिडी पेमेंट से छूट देने का फैसला किया है। पेट्रोलियम सेक्रेटरी सौरभ चंद्रा ने बताया कि सरकार 2015-16 में एलपीजी सब्सिडी का पूरा बोझ उठाएगी।

सरकार कुकिंग गैस और केरोसिन के प्राइस को रेगुलेट करती है। कॉस्ट और रिटेल सेलिंग प्राइस के बीच का अंतर सरकार और ओएनजीसी जैसी अपस्ट्रीम कंपनियां उठाती हैं।

ओएनजीसी, ओआईएल और गेल जैसी अपस्ट्रीम ऑयल और गैस प्रॉडक्शन कंपनियों को अक्टूबर 2014 तक एलपीजी और केरोसिन जैसे कुकिंग फ्यूल्स और डीजल पर सब्सिडी के बोझ का एक हिस्सा चुकाना पड़ता था। सरकार की ओर से अक्टूबर 2014 में डीजल के प्राइस से नियंत्रण हटाने के बाद अब सब्सिडी का बोझ केवल एलपीजी और केरोसिन तक सीमित रह गया है।

चंद्रा ने कहा, \\\'अंडररिकवरी में अपस्ट्रीम कंपनियों का योगदान घटने की वजह से उनके पास एक्सप्लोरेशन और प्रॉडक्शन में इनवेस्टमेंट करने के लिए रिसोर्सेज बच जाएंगे।\\\'

उन्होंने बताया कि सरकार ने फाइनेंस मिनिस्ट्री के फ्यूल सेल्स पर रेवेन्यू के नुकसान को उठाने की सहमति देने के बाद चौथे क्वॉर्टर में ओएनजीसी और ओआईएल को फ्यूल सब्सिडी के भुगतान से छूट दी है। फाइनेंस मिनिस्ट्री जनवरी-मार्च क्वॉर्टर के लिए फ्यूल सब्सिडी के तौर पर 5,324 करोड़ रुपये चुकाएगी।

पिछले फाइनेंशियल ईयर के पहले नौ महीनों के लिए कॉस्ट से कम दाम पर फ्यूल को बेचने की वजह से रिटेलर्स को हुए रेवेन्यू के 67,091 करोड़ रुपये की भरपाई सरकार की ओर से सब्सिडी की मदद और ओएनजीसी जैसी अपस्ट्रीम कंपनियों के सब्सिडी में योगदान से पूरी हो गई है।

मार्च क्वॉर्टर के लिए 5,324 करोड़ रुपये की अंडर रिकवरी का बोझ सरकार उठाएगी।

चंद्रा ने बताया कि सरकार की ओर से भुगतान किए जाने की वजह से एलपीजी सब्सिडी सीधे कंज्यूमर्स के बैंक एकाउंट्स में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि ओएनजीसी और ओआईएल केवल केरोसिन पर सब्सिडी का बोझ उठाएंगी।

क्रूड ऑयल के एवरेज 60 डॉलर प्रति बैरल के प्राइस के आधार पर 2015-16 के लिए एलपीजी सब्सिडी लगभग 18,000 करोड़ रुपये की हो सकती है। अगर क्रूड का प्राइस बढ़कर 70 डॉलर प्रति बैरल पर जाता है तो यह आंकड़ा 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। केरोसिन के लिए क्रूड का 60 डॉलर प्रति बैरल दाम होने पर सब्सिडी 13,000 करोड़ रुपये और 70 डॉलर प्रति बैरल होने की स्थिति में 16,500 करोड़ रुपये होगी।

2014-15 के पहले नौ महीनों में सरकार ने कुकिंग फ्यूल्स और डीजल पर सब्सिडी के लगभग एक तिहाई हिस्से की भरपाई के लिए 22,085 करोड़ रुपये दिए थे।

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