
पेट्रोलियम मंत्रालय से दस्तावेजों के लीक मामले में गिरफ्तार किए गए कॉर्पोरेट अधिकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) से चोरी किए गए दस्तावेज हासिल करने के बदले में इस काम के लिए जिन लोगों की सेवाएं लेते थे, उन्हें अच्छी खासी रकम दिया करते थे।
दिल्ली पुलिस ने दस्तावेज लीक मामले में यहां की एक अदालत में दायर आरोप पत्र में यह बात कही। आरोप पत्र में कहा गया है कि आरोपी लालता प्रसाद और राकेश कुमार को प्रति माह ढाई लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा था। इन दोनों को ही पहले शास्त्री भवन के बाहर गिरफ्तार किया गया था।
आरोप पत्र में कहा गया है कि आरआईएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केयर्न्स इंडिया के के के नाइक, जुबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और रिलायंस एडीएजी के रिषि आनंद, उर्जा सलाहकार प्रयास जैन और पत्रकार शांतनु सैकिया उन्हें यह रकम दिया करते थे। आरोप पत्र में कहा गया है,
लगातार पूछताछ में उन सबने स्वीकार किया है कि अपने व्यापारिक फायदे के लिए एमओपीएनजी के चोरी के दस्तावेज हासिल करने के लिए उन्होंने राकेश कुमार और लालता प्रसाद की सेवाएं ली थीं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत आरोप लगाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया। पुलिस ने कहा कि एमओपीएनजी से सभी दस्तावेजों के बारे में अब तक रिपोर्ट नहीं मिली है और उन्होंने मंत्रालय से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
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