रक्षा क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये की कारोबारी संभावनाएं

 रक्षा क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये की कारोबारी संभावनाएं

नई दिल्ली : आने वाले वर्षों में निजी क्षेत्र को घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में कारोबार की भरपूर संभावनाएं हासिल हो सकती हैं। एक सरकारी अनुमान के मुताबिक, अगले सात-आठ साल में इस क्षेत्र में 250 अरब डॉलर (15.5 लाख करोड़ रुपये) के कारोबारी अवसर निर्मित होने जा रहे हैं।

औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि यह हमारे ऊपर है कि हम कितनी तेजी से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की संभावनाओं को भुना पाते हैं, क्योंकि आने वाले समय में इस क्षेत्र में बेहद तेजी से विकास होने वाला है।

भारत अगले सात साल में करीब 140 अरब डॉलर के रक्षा उत्पादों का आयात करेगा, और घरेलू सुरक्षा के लिए 110 अरब डॉलर का अतिरिक्त कारोबार निर्मित होगा, यानि कुल मिलाकर 250 अरब डॉलर की कारोबारी संभावनाएं निर्मित होंगी। ऐसे में भारत की चुनौती यह है कि हम कितनी तेजी से खुद को एक रक्षा विनिर्माता देश के रूप में तब्दील कर पाते हैं।

उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित एक समारोह में अमिताभ कांत ने यह राय जताई। सरकार रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद कर चुकी है। कांत ने कहा कि हमने रक्षा, रेलवे, बीमा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों को खोला है।

यह वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था में खुलापन लाने की कवायद है। मल्टीब्रांड रिटेल को छोड़ दिया जाए तो भारत इस समय दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को देश में कारोबारी प्रक्रियाओं को आसान बनाने में कुछ और आगे बढ़ने की जरूरत है।

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