
नई दिल्ली : सरकार कालेधन पर प्रस्तावित नए कड़े कानून के तहत आयकरदाताओं को कुछ एक महीने का एक छोटा मौका दे सकती है जिसके दौरान वे विदेश में रखी अपने किसी अघोषित धन सम्पत्ति का विवरण कर अधिकारियों को दे कर तथा उस पर कर व दण्ड चुका कर जेल से बच सकेंगें।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विदेशों में जमा कालेधन को निकलवाने के उद्येश्य से कल रात अघोषित विदेशी आय और संपत्ति (नया करारोपण) विधेयक 2015 के मसौदे को मंजूरी दे दी। इसमें विदेशों में धन संपत्ति को छुपाने और कर चोरी करने के जुर्म में दस साल तक की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है।
विधेयक में प्रस्तावित प्रावधानों के अनुसार इस तरह के अपराध में जुर्माना दे कर माफी की छूट नहीं होगी तथा आरोपी को विवाद सुलझाने के लिए निपटान आयोग के समक्ष जाने की भी अनुमति भी नहीं होगी। इसमें जेल की सजा के अलावा छुपाई गई आय और संपत्ति पर 300 प्रतिशत की दर से जुर्माना लगेगा।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विदेशों में रखी अघोषित धन-संपत्ति की घोषणा के लिये तिथि की अधिसूचना संसद में इस विधेयक के पारित होने के बाद की जायेगी। अधिकारी ने कहा कि विदेश में रखी संपत्ति की जानकारी कर विभाग को देने के लिये करदाता को कुछ महीने का समय दिया जायेगा। उसके बाद भी इस तरह की आय को छुपाने पर संबंधित व्यक्ति को 10 साल तक की कठोर कारावास की सजा दी जा सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिये नया कानून बनाने की घोषणा की थी। विधेयक संसद के चालू बजट सत्र के पहले चरण में ही पेश किये जाने की संभावना है। प्रस्तावित नये कानून के तहत इस तरह के अपराध में व्यक्त्यिों की मदद करने वाले व्यक्तियों, कंपनियों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर भी अभियोजन चलाया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
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