प्रेम चोपड़ा को खलनायक बनने का कोई मलाल नहीं

मुंबई:मशहूर अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने अपनी जीवनी प्रेम नाम है मेरा जारी की है। यह जीवनी उनकी बेटी ऋतिका नंदा ने लिखी है। बड़े पर्दे पर नकारात्मक किरदारों लिए मशहूर अभिनेता प्रेम चोपड़ा का कहना है कि उन्हें पर्दे पर खलनायक बनने का कोई मलाल नहीं हैं, बल्कि उन्हें खुशी है।
प्रेम ने शनिवार शाम अपनी जीवनी जारी किए जाने के मौके पर संवाददाताओं को बताया कि अगर आप पूछें कि आपको कोई मलाल है? मैं कहूंगा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैं बहुत खुश खलनायक हूं।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा सोचता था कि यह कैसे संभव है? मेरा जीवन समान्य है, तुम क्या लिखना चाहती हो? उसे (नंदा को) लिखने में दिलचस्पी थी और उसने लिखी। इसके लिए वह मेरे दोस्तों के पास गई जिनके साथ मैंने काम किया था।
नंदा ने बताया कि यह मेरी और मेरे पति के बीच हुई एक बातचीत के साथ शुरू हुई। उन्होंने कहा कि हम भारतीय सिनेमा में 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं और तुम्हारे पिता 50 साल से फिल्मोद्योग में है। उनके बारे में पढ़ना दिलचस्प होना चाहिए। इस तरह इसकी शुरूआत हो गई। उन्होंने आगे बताया कि मैंने अपने पिता को बताया और वह सहमत थे। हम फिल्म दर फिल्म आगे बढ़े। जीवनी के लिए मैं दिलीप साहब, अमिताभ बच्चन और हर पीढ़ी के अभिनेताओं से मिली। मेरी मां ने पिछले 45 सालों की सभी क्लिपिंग सहेज कर रखी थीं और यह बहुत बड़ी मदद थी।
प्रेम ने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिए संगीतकार गुलजार का चुनाव होने पर खुशी जाहिर की। इस मौके पर अमिताभ बच्चन, मनोज कुमार, अक्षय कुमार, शरमन जोशी और विधु विनोद चोपड़ा जैसी अनेक फिल्मी हस्तियां मौजूद थीं।
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