एसबीआई कंसोर्टियम ने किंगफिशर हाउस को कब्जे में लिया

एसबीआई कंसोर्टियम ने किंगफिशर हाउस को कब्जे में लिया

ऋण वसूली के लिए विजय माल्या की अगुवाई वाले यूबी समूह पर शिंकजा कसते हुए एसबीआई की अगुवाई में 17 बैंकों के एक कंसोर्टियम ने किंगफिशर हाउस का कब्जा आज अपने हाथ में ले लिया.

किंगफिशर हाउस का मूल्य 100 करोड़ रपये है.बैंक कंसोर्टियम ने 6,800 करोड़ रपये की ऋण वसूली के प्रयासों के तहत यहां घरेलू हवाईअड्डे के निकट विले पार्ले में 17,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में स्थित किंगफिशर हाउस को अपने कब्जे में लिया है. बैंकों ने यह ऋण संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को दे रखा है.

बाद में विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने अपनी संपत्ति किंगफिशर हाउस का कब्जा एसबीआईकैप ट्रस्टी को आज सौंप दिया.एसबीआईकैप ट्रस्टी, किंगफिशर को रिण देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम के लिए एक प्रतिभूति ट्रस्टी है.

किंगफिशर ने कहा है कि कब्जा देने के बावजूद उसने 12 फरवरी, 2015 को जारी संबंधित आदेश को चुनौती देने के अपने अधिकार को नहीं छोड़ा है.

यह आदेश यहां के एक मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किया गया था जिसमें बैंकों को उनकी वसूली प्रक्रि या के तहत कब्जा अपने हाथ में लेने की अनुमति दी गई. बैंकों ने रिण वसूली की प्रक्रि या फरवरी, 2013 में शुरू की थी.

किंगफिशर हाउस इस विमानन कंपनी की प्रमुख रीयल एस्टेट संपत्तियों में से एक है. किंगफिशर एयरलाइन्स का परिचालन अक्तूबर, 2012 से बंद है और उसी साल दिसंबर में इसका उड़ान परमिट रद्द कर दिया गया था.

बैंकों के पास किंगफिशर द्वारा गिरवी रखी गई अन्य चीज किंगफिशर विला है जो गोवा में स्थित है और इसका बाजार मूल्य 90 करोड़ रपये से कम है. संपर्क किए जाने पर एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्र म की पुष्टि की.

इसी संपत्ति पर आयकर एवं सेवाकर विभाग के दावे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक व समूह के कार्यकारी संकटग्रस्त संपत्ति प्रबंधन: प्रवीण कुमार मल्होत्रा ने पीटीआई भाषा को बताया कि बैंकों को कर अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा करनी है और इसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा.

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