
नई दिल्ली : देश में फिक्स्ड लाइन फोन कनेक्शनों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) लैंडलाइन सेवा प्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं को उसके उपभोक्ता की कॉल को संप्रेषित करने के लिए दिए जाने वाले शुल्क को हटा दिया है। इससे लैंडलाइन कॉल की दरों में कमी आने की संभावना है।
अब लैंडलाइन से लैंडलाइन या लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए इंटरकनेक्शन शुल्क नहीं लगेगा, जो 20 पैसे होता है। इसके अलावा दूरसंचार नियामक ने मोबाइल फोन के जरिए किए जाने वाली कॉल्स पर नेटवर्क इंटरकनेक्शन यूसेज चार्ज (आईयूसी) को करीब 30 प्रतिशत घटाकर 20 पैसे से 14 पैसे कर दिया है।
एक दूरसंचार कंपनी का ग्राहक जब अन्य नेटवर्क पर कॉल करता है तो उसे इंटरकनेक्शन शुल्क देना होता है। यह उपभोक्ता द्वारा अदा किए जाने वाले अंतिम मूल्य में जुड़ जाता है।
मोबाइल पर इनकमिंग को मुफ्त किए जाने के बाद से देश में लैंडलाइन कनेक्शनां में कमी आ रही है।2014 के अंत तक जहां मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 94.39 करोड़ पर पहुंच गई थी वहीं लैंडलाइन कनेक्शन सिर्फ 2.7 करोड़ रह गए थे।
लैंडलाइन कनेक्शनों के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल का दबदबा है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 62.71 प्रतिशत है। एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी 13.04 प्रतिशत, भारती एयरटेल की 12.55 प्रतिशत, टाटा टेलीसर्विसेज की 5.98 प्रतिशत व रिलायंस कम्युनिकेशंस की 4.39 प्रतिशत है।
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