
मुम्बई : शेयर बाजार में मंगलवार को पिछले 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। ग्लोबल मंदी की आशंका इस कदर हावी हुई कि बाजार में अच्छे दिनों की उम्मीद एक झटके में हवा हो गई। सेंसेक्स 850 अंक से ज्यादा गिर गया और निफ्टी 251 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की गिरावट कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शेयरों की कीमत करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए कम हो गई। पिछले 1 माह के दौरान शेयरों के दाम 3 लाख करोड़ रुपए घटे हैं।
सेंसेक्स 854.86 अंक यानी 3.07 फीसद गिरकर 26,987.46 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी 8,127.35 पर रहा, जिसमें 251.05 अंक या 3 फीसद गिरावट दर्ज की गई।
शेयर बाजार में भारी गिरावट आने की मुख्य वजह ग्रीस का आर्थिक संकट गहराना और कच्चे तेल के दाम साढ़े पांच साल के नए निचले स्तर पर आना रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए इसे तगड़ा झटका माना जा रहा है, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी हुआ।
बहरहाल, सेंसेक्स और निफ्टी में 24 अक्टूबर 2008 के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई। 18 दिसंबर 2014 के बाद सेंसेक्स पहली बार 27,000 से नीचे बंद हुआ। सेंसेक्स ने 26,937.06 का निचला स्तर छूआ, और निफ्टी 8,111.35 तक गिरा।
बीएसई के सभी इंडेक्स गिरावट पर बंद हुए। तेल-गैस, रियल्टी, मेटल और कैपिटल गुड्स शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली नजर आई है। तेल-गैस इंडेक्स 4.2 फीसद गिर गया, बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, रियल्टी, पावर, मेटल और कंज्यूमर ड्युरेबल्स इंडेक्स 3-3 फीसद से ज्यादा गिरे। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3 फीसद तक गिरावट आई।
जिंदल स्टील, ओएनजीसी, सेसा स्टरलाइट, टाटा स्टील, एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे शेयर 6.25-4.7 फीसद तक गिरे। लेकिन, एचयूएल की ट्रेडिंग करीब 2 फीसद बढ़त पर बंद हुई।
Leave a comment