
पटना : मेरिट घोटाला प्रकाश में आने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 56 नए इंटर कॉलेजों की मान्यता निलंबित कर दी है। इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। नौ इंटर कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है, जबकि तीन पर एफआईआर की अनुशंसा की गई है। यह कार्रवाई बोर्ड ने उन 212 इंटर कॉलेजों की जांच के तहत की है, जिन्हें लालकेश्वर प्रसाद के बोर्ड अध्यक्ष रहते मान्यता दी गई थी।
इस तरह अब तक 144 स्कूल-कॉलेजों की मान्यता निलंबित की जा चुकी है। बोर्ड ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालय व महाविद्यालयों की मान्यता को निलंबित व रद्द किया गया है, वहां पहले से दाखिला ले चुके छात्रों को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा। ऐसे छात्रों की उसी जिले के निकटवर्ती स्कूलों व कॉलेजों में दाखिले की व्यवस्था की जाएगी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मेरिट घोटाले के पर्दाफाश के बाद 31 जिलों के 212 संस्थानों की जांच कराई। संस्थानों की 18 बिंदु पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जांच की जा रही है। अब तक 177 इंटर कॉलेजों की रिपोर्ट समिति को मिल चुकी है। इसमें 165 विद्यालयों का पूर्ण आकलन हो चुका है। बोर्ड ने ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्णय लिया है, जिन्होंने इन इंटर स्कूलों और कॉलेजों को गलत रूप से संबद्धता देने में भूमिका निभाई है।
कहीं गोदाम तो कहीं आवासीय परिसर में चल रहे कॉलेज इंटर कॉलेजों की जांच में अजब-गजब रहस्योद्घाटन हुए हैं। कहीं गोदाम में बेंच-डेस्क लगा मिला तो कहीं आवासीय मकानों में कॉलेज चल रहे हैं। कहीं तो सिर्फ बोर्ड ही मिले। गया जिले के भारे राजाबिगहा फतेहपुर स्थित महादेव मेमोरियल उच्च माध्यमिक विद्यालय की जांच में विद्यालय का भवन आवासीय मिला।
गया के ही जय प्रकाश यादव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कधरीया, वजीरगंज में तो उस नाम का कोई विद्यालय ही नहीं मिला। कमलेश्वरी दीपनारायण, जयनारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय, मधेपुरा में भी विद्यालय का नाम दे दिया गया है, पर यहां विद्यालय का न कोई परिसर था न कोई छात्र।
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