यमुनानगर : रितु बनीं दिव्यांग छात्र- छात्राओं के लिए मिसाल

यमुनानगर : रितु बनीं दिव्यांग छात्र- छात्राओं के लिए मिसाल

अध्यापक को एक गुरू का दर्जा इसलिए दिया जाता है क्योंकि गुरू ज्ञान की गंगा है ऐसी ही मिसाल यमुनानगर के गुरू नानक गर्ल्र्ज कालेज की लैकचरार रितु सोनी ने दी। जो स्वयं तो छडी के सहारे चलती है लेकिन सहारा उनको देती है जिनके पास कोई सहारा नही है। दरअसल रितु सोनी ने जो अपने साथ होते हुए देखा है। 

वह किसी ओर के साथ नहीं देखना चाहती। रितु कालेज के बाद कई छात्र छात्राओ को अपने घर पर भी पढाती है और कंप्यूटर सिखाती है यही नही गरीब बच्चों को पढाने के लिए अपनी सेलरी तक उन पर न्यौछावर कर देती है। 

रितु की इस पहल से आज कई बच्चे बडे - बडे कार्यालयों में ऊंची कुर्सी पर बैठे है और वह भी इनकी तारीफ करते नही थकते। इन दिनों रितु जो काम कर रही है वह बेहद चौकाने वाला है रितु एक ऐसी लडकी को कंप्यूटर सिखा रही है जो बिल्कुल भी नही देख सकती।

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