प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रोज बनेंगी 133 किमी ग्रामीण सड़कें

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रोज बनेंगी 133 किमी ग्रामीण सड़कें

नई दिल्ली : गांवों को जोड़ने के लिए सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण को तेज गति से पूरा करेगी। इसके लिए रोजाना 133 किमी लंबाई की सड़कें बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। देश के शत प्रतिशत गांवों को जोड़ने के लिए कुल 50 हजार किमी लंबाई की सड़कें बनाई जाएंगी। इन सड़कों पर कुल 33 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

पीएमजीएसवाई के तहत वर्ष 2011 से 2014 तक रोजाना 73 किमी सड़क का निर्माण किया जाता था। जबकि वर्तमान में प्रतिदिन सौ किमी लंबाई की सड़कें बनाई जा रही हैं। मंत्रालय का दावा है कि जल्दी ही सड़कों के निर्माण की गति रोजाना 133 किमी तक पहुंचा दी जाएगी। इन सड़कों में जलवायु के अनुकूल गैर परंपरागत ग्रीन प्रौद्योगिकी वाली सामग्री का उपयोग किया जाएगा। इस प्रौद्योगिकी से अब तक 2500 किमी लंबाई की सड़कें बनाई जा चुकी हैं।

योजना के पहले चरण में कुल 65 फीसद गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा चुका है। पीएमजीएसवाई के दूसरे चरण में गुजरात, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों ने अपने हिस्से को पूरा कर लिया है। उनके शत प्रतिशत गांव पक्की सड़कों से जोड़ दिए गए हैं। दूसरे चरण में बनाई जाने वाली सड़कों का फायदा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और पिछड़े राज्य को मिलना तय है। देश के 35 फीसद गांव अभी भी पक्की सड़कों से नहीं जुड़ सके हैं। इन्हें जोड़ने का लक्ष्य 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राज्य के साथ पीएमजीएसवाई की सड़कों के लिए धन आवंटन में भेदभाव नहीं किया जा सकता। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश के लगभग 1.84 लाख गांवों में से 1.51 लाख गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने की मंजूरी दी जा चुकी है।

इससे देश के कुल 82 फीसद गांव पक्की सड़कों से जुड़ जाएंगे। ग्रामीण सड़कों के निर्माण की निगरानी के लिए एक अलग तरह की प्रणाली स्थापित की गई है, जिसके अध्यक्ष स्थानीय सांसद होंगे। यह प्रणाली केंद्र की 28 प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करेगी।

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