दिसंबर तक प्राइवेट स्कूलों पर बनेंगे नियंत्रण के नियम : शाह

दिसंबर तक प्राइवेट स्कूलों पर बनेंगे नियंत्रण के नियम : शाह

भोपाल : प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर चलने वाली मनमर्जी पर सरकार रोक लगाएगी। इसके लिए दिसंबर में होने वाले विधानसभा के अगले सत्र में नियम बनाकर रखे जाएंगे। इसमें ये व्यवस्था रहेगी कि कोई भी स्कूल हर साल न तो कोर्स बदल सकेंगे और न ही ड्रेस।

चिन्हित दुकानों से जूते, टाई सहित अन्य सामग्री खरीदने का दबाव भी खत्म किया जाएगा। साथ ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 40 हजार नई भर्तियां की जाएंगी। गुरुवार को अल्पकालीन चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने ये घोषणा की।

उन्होंने विधानसभा में बताया कि शिक्षा का व्यापारीकरण प्रदेश में किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा, जो भी शिक्षा के जरिए धन कमाकर बड़ा आदमी बनने की कोशिश करेगा, उसे हम ऐसा नहीं करने देंगे। कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि निजी स्कूल फीस, पिकनिक मनाने, जूते, टाई, स्कूल विकास आदि के नाम पर वसूली कर रहे हैं।

हाईकोर्ट में भी मामला गया था, इसके बाद सरकार ने मार्गदर्शी सिद्धांत बनाए थे। नियम बनाए जा रहे हैं। दिसंबर तक इन्हें बनाकर विधानसभा में रख दिया जाएगा। इसमें एक दुकान से ड्रेस खरीदने का सिस्टम खत्म किया जाएगा। हर साल ड्रेस और कोर्स बदलने पर रोक लगाई जाएगी। इन स्कूलों की मनमर्जी रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम भी उठाने पड़े तो वो भी उठाए जाएंगे।

100 रुपए की किताब 400 में और 500 रुपए की ड्रेस एक हजार रुपए में

कांग्रेस के डॉ.गोविंद सिंह ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस व अन्य शुल्क लेने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि ये पैसा कमाने के अड्डे बन गए हैं। 100 रुपए की किताब 400 रुपए में मिलती है तो 500 रुपए की ड्रेस एक हजार रुपए में दिलवाई जाती है।

स्कूल संचालकों की दुकानदारों से मिलीभगत रहती है और वे कमीशन खाते हैं। हर साल कोर्स बदलते हैं और अभिभावकों पर दबाव डालते हैं कि फलां दुकान से सामान खरीदो। ऑडिट भी खुद ही करते हैं। सरकार का इन पर कोई कंट्रोल नहीं है। शैलेंद्र पटेल ने भी कहा कि लाइब्रेरी, स्पोर्ट सहित कई ऐसी फीस ली जाती हैं, जिनकी सुविधा ही स्कूलों में नहीं होती है। 

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