
नई दिल्ली : कैबिनेट ने बुधवार को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) संवैधानिक संशोधन बिल को मंजूरी दे दी। इसमें एक प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग टैक्स का प्रावधान हटा दिया गया है और जीएसटी लागू होने से राज्यों को संभावित नुकसान की भरपाई पांच साल तक करने की गारंटी का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही इसे अगले सप्ताह राज्यसभा में लाने की तैयारी तेज हो गई है। इस बिल को लेकर पर्दे के पीछे गंभीर चर्चाओं का दौर चल रहा है।
राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की मंगलवार को हुई बैठक में जीएसटी दर की कैपिंग संविधान संशोधन बिल में नहीं करने की व्यापक राय से भी सरकार के हौसले को बल मिला है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली बिल पर सहमति बनाने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। इस क्रम में जेटली ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से चर्चा की।
बिल में संशोधन प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर सभी को अपने साथ लाने वाला कदम है। सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद पांच साल तक राज्यों को सौ फीसदी क्षतिपूर्ति देने के प्रावधान को बिल का हिस्सा बनाने की राज्यों की मांग मान ली। साथ ही कुछ राज्यों को एक फीसद अतिरिक्त जीएसटी मिलने वाला प्रावधान भी बिल से हटा लिया गया है।
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