माल्या ने दिया बेयर क्रॉपसाइंस के चेयरमैन पद से इस्तीफा

माल्या ने दिया बेयर क्रॉपसाइंस के चेयरमैन पद से इस्तीफा

विवादों में घिरे कारोबारी विजय माल्या ने बेयर क्रॉपसाइंस लिमिटेड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। वह कंपनी में इस पद पर 12 वर्षों से काबिज थे। बेयर दुनियाभर में हेल्थकेयर और कृषि के क्षेत्र में काम करती है। भारत में बेयर क्रॉपसाइंस बीज और फसल सुरक्षा के कारोबार में है। कंपनी ने बताया कि माल्या को 2004 में निदेशक मंडल का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर अब 30 जून तक रहेंगे। माल्या ने इच्छा से इस्तीफा दिया है। इसे अफसोस के साथ स्वीकार किया गया है। बोर्ड की अगली बैठक में नए चेयरमैन को नियुक्त किया जाएगा। मार्च में माल्या ने भारत छोड़ दिया था। उन पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। बैंकों के बकाया कर्ज की वसूली के प्रयासों के बीच उन्होंने ऐसा किया था। मार्च में ही माल्या ने सनोफी इंडिया के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का एलान किया था।

फरवरी में वह यूनाइटेड स्प्रिट्स (यूएसएल) का चेयरमैन पद छोड़ने के लिए तैयार हुए थे। यह कदम उन्होंने तब उठाया था जब यूनाइटेड स्प्रिट्स की नई ब्रिटिश प्रमोटर डियाजियो ने उन्हें 515 करोड़ रुपये देने की सहमति जताई थी। माल्या ने अपने फैसले के पीछे कारण बताया था कि वह इंग्लैंड में बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। यूनाइटेड स्प्रिट्स (यूएसएल) की बीमार फर्मों में शामिल होने की तैयारी है। इस बाबत वह औद्योगिक व वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआइएफआर) का दरवाजा खटखटाएगी। कंपनी बताएगी कि उसकी हैसियत बीते चार वित्त वर्षों के दौरान 50 फीसद से ज्यादा घट चुकी है। इस संबंध में वह दोबारा शेयरधारकों की मंजूरी ले रही है। बीमार औद्योगिक कंपनी (विशेष प्रावधान) अधिनियम में कहा गया है कि चार साल के दौरान अपनी आधी शुद्ध हैसियत गंवाने वाली कंपनियों को बीआइएफआर को सूचित करना चाहिए। बीते दिसंबर में यूएसएल ने शेयरधारकों से इस संबंध में यह बताते हुए मंजूरी लेनी चाही थी कि मार्च 2015 तक उसकी शुद्ध हैसियत में 86 फीसद की कमी आई है। हालांकि, डियाजियो ने कहा था कि कंपनी सुधार की राह पर अग्रसर है।

 

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