
इंडिया रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट जारी की है इस रिपोर्ट के अनुसार देश की टॉप 500 कंपनियों में से करीब आधी कंपनियों पर इस साल रिफाइनेंसिंग से जुड़ा जोखिम बढ़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, टॉप 500 कंपनियों में शामिल करीब 240 कंपनियों के लिए ये साल कर्ज के मामले में दबाव भरा रह सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 240 कंपनियों ने कुल 11.8 लाख करोड़ रुपए का लोन लिया हुआ है। फिलहाल कुल कॉर्पोरेट लोन 28.1 लाख करोड़ रुपए है। माना जा रहा है कि इस साल इसमें से 1.4 लाख करोड़ रुपए के लोन पर जोखिम बढ़ सकता है। रिपोर्ट में इन 240 कंपनियों को ईआरआर कैटेगरी यानी एलिवेटेड रिस्क ऑफ फाइनेंसिंग और स्ट्रैस्ड कैटेगरी में डाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार 5.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज स्ट्रैस्ड कैटेगरी और 6.7 लाख करोड़ रुपए का लोन ERR कैटेगरी में है।
इंडिया रेटिंग्स ने पाया कि 157 कंपनियां उस कैटिगरी में आ रही हैं, जिनको अपना लोन रीफाइनैंसिंग कराने की बहुत ज्यादा जरूरत है। स्ट्रेस्ड वाली दूसरी कैटिगरी में 83 कंपनियां आती हैं। स्ट्रेस्ड कंपनियां पहले से ही डिफॉल्टर हो चुकी हैं जबकि ERR कैटिगरी वाली कंपनियों को अपना लोन चुकाने में मुश्किल आ रही है और मुमकिन है कि वे अब तक डिफॉल्ट भी कर चुकी हों। इंडिया रेटिंग्स ने पाया कि 157 कंपनियां उस कैटिगरी में आ रही हैं, जिनको अपना लोन रीफाइनैंसिंग कराने की बहुत ज्यादा जरूरत है। स्ट्रेस्ड वाली दूसरी कैटिगरी में 83 कंपनियां आती हैं। स्ट्रेस्ड कंपनियां पहले से ही डिफॉल्टर हो चुकी हैं जबकि ERR कैटिगरी वाली कंपनियों को अपना लोन चुकाने में मुश्किल आ रही है और मुमकिन है कि वे अब तक डिफॉल्ट भी कर चुकी हों।
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