
विमानन क्षेत्र में अनुचित व्यापार व्यवहार पर अंकुश लगाते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने माल ढुलाई पर ईंधन अधिभार लगाने में आपस में गुटबंदी कर काम करने के मामले में जेट एयरवेज, इंडिगो और स्पाइसजेट पर कुल 258 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। इस आदेश को विमानन कंपनियों द्वारा चुनौती दिए जाने की संभावना है। पांच विमानन कंपनियों के खिलाफ 2013 में दायर एक शिकायत पर आदेश पारित करते हुए सीसीआई ने हालांकि एयर इंडिया और गोएयर पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कार्गो परिवहन के लिए ईंधन अधिभार तय करने व संशोधन करने में साठगांठ लिए तीन विमानन कंपनियों- जेट एयरवेज, इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड व स्पाइसजेट पर जुर्माना लगाया है। जहां जेट एयरवेज पर 151.69 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है, वहीं इंटरग्लोब पर 63.74 करोड़ रुपए और स्पाइसजेट पर 42.48 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है। इंटरग्लोब बजट एयरलाइन इंडिगो का परिचालन करती है।
जेट एयरवेज के एक प्रवक्ता ने सीसीआई के आदेश पर कहा, जेट एयरवेज ने प्रतिस्पर्धा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया है और कंपनी अपनी स्थिति का बचाव करने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी कदम उठाएगी। स्पाइसजेट के कंपनी मामलों के महाप्रबंधक अजय जसरा ने कहा, हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। हम इस निर्णय को चुनौती दे सकते हैं। इंडिगो से प्रतिक्रिया मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है।
सीसीआई का यह आदेश, एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल आफ इंडिया द्वारा दायर एक शिकायत पर आया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पांच विमानन कंपनियां प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार में लिप्त रहीं। आयोग ने इन विमानन कंपनियों को प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार में लिप्त रहने से बाज आने को भी कहा है। सीसीआई ने आदेश में कहा, की एयर इंडिया पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया क्योंकि इसका आचरण अन्य विमानन कंपनियों के समान नहीं पाया गया।, इसी तरह, गो एयरलाइन्स पर भी कोई जुर्माना नहीं लगाया गया क्योंकि उसने कार्गो का परिचालन तीसरे पक्ष के वेंडरों को दे रखा है और कार्गो परिचालन के किसी भी वाणिज्यिक़़आर्थिक पहलू पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल आफ इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी ने सीसीआई के आदेश पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस फैसले से दीर्घकाल में उपभोक्ताओं का हित सुनिश्चित होगा।
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