
आरबीआई ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम लागू करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। इनके तहत गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत डिपॉजिट की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत कम से कम 30 ग्राम खरा सोना डिपॉजिट कराना जरूरी होगा। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम गोल्ड डिपॉजिट की पुरानी स्कीमों को रिप्लेस करेगी। शुद्धता की परख के बाद ही गोल्ड डिपॉजिट किया जा सकेगा। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में छोटी अवधि में 1-3 साल के लिए गोल्ड डिपॉजिट किया जाएगा। वहीं मध्यम अवधि में 5-7 साल के लिए गोल्ड डिपॉजिट किया जाएगा। इसके अलावा लंबी अवधि में 12-15 साल के लिए गोल्ड डिपॉजिट किया जाएगा। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में तय अवधि से पहले सोना निकालने पर पेनाल्टी लगेगी। आरबीआई के मुताबिक छोटी अवधि के डिपॉजिट से कैश रिजर्व रेश्यो, एसएलआर को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत केवाईसी कराना जरूरी होगा।
एसबीआई के एमडी वी जी कन्नन का कहना है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की सफलता पर अभी संदेह है कि ये स्कीम कितनी सफल होगी। क्या ग्राहक अपने सोने को गलाने के लिए तैयार होंगे, अभी ये कह पाना मुश्किल है। बैंक जो कम से कम डिपॉजिट लेते हैं वो 500 ग्राम का लेते हैं और इसकी वजह से बड़े सोने के निवेशक ही गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश कर पाते हैं। अब आरबीआई के निर्देशों आ हैं कि 30 ग्राम से भी सोने को जमा करने की शुरुआत कर सकते हैं तो लोगों को अपने लॉकर में पड़े सोने पर ब्याज कमाने का मौका मिल पाएगा।
Leave a comment