
सरकार द्वारा विभिन्न खुदरा एवं थोक बिक्री दुकानों से इकट्ठा कई सब्जियों, फलों, दूध और अन्य खाद्य उत्पादों के नमूनों में कीटनाशक के अंश पाए गए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। जैविक उत्पादों की बिक्री करने वाली दुकानों से भी इकट्ठे किए गए उत्पादों में कीटनाशक के अंश पाए गए है। उल्लेखनीय है कि 2005 में शुरू हुई केंद्रीय कीटनाशक अवशिष्ट निगरानी योजना के तहत देशभर से इकट्ठा 20,618 नमूनों से 12.50 प्रतिशत में गैर-स्वीकृत कीटनाशक पाया गया। वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान इकट्ठा नमूनों की जांच 25 प्रयोगशालाओं में गई।
खतरनाक कीटनाशक : प्रयोगशाला में उक्त नमूनों में एसीफेट, बाइफेंथ्रीन, एसीटामिप्रिड, ट्राइजोफोस, मेटलैक्जिल, मेलैथियन, एसीटैमिप्रिड, काबार्सल्फान, प्रोफेनोफोस और हेक्साकोनाजोल आदि के अंश पाए गए। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक 18.7 प्रतिशत नमूनों में कीटनाशकों के अंश पाए गए जबकि एमआरएल (अधिकतम अवशिष्ट सीमा) 543 नमूनों (2.6 प्रतिशत) में पाया गया। एमआरएल की संस्तुति भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार दे रहा है। मंत्रालय ने एक हा जिन 20,618 नमूनों की जांच की गई उनमें 12.5 प्रतिशत नमूनों में गैर-स्वीकृत कीटनाशक पाए गए।
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