
अगर आप कॉल ड्रापिंग की समस्या से परेशान है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल सरकार ने इस समस्या को रोकने के लिए कई नीतियां बनाई है। टेलीकॉम कंपनियों को हिदायतें भी दी गई, लेकिन ये समस्या अब भी कायम है। ज्यादा मोबाइल टॉवर लगाने के लिए सरकार बुनियादी तौर पर जमीन देने के लिए तैयार हो गई है। टेलीकॉम कंपनियों का दावा है कि पिछले दो महीने में अतिरिक्त टॉवर लगाए गए है टेलीकॉम कंपनियों के मुताबिक इस साल कुल 70 हजार टॉवर लगाए गए है। मोबाइल कंपनियों की मांग है कि टॉवर लगाने के लिए एक नेशनल पॉलिसी बनाई जाए और एक ही जगह से सभी मंजूरियां मिले। वहीं स्पैक्ट्रम की कमी को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि टेलिकॉम कंपनियों के पास अब भी स्पैक्ट्रम मौजूद है, जिसका इस्तेमाल नहीं होता है। स्पैक्ट्रम बांटने के दिशा निर्देषों को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है।
लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के दावों के बावजूद लोगों को कॉल ड्रॉप की समस्या से अभी तक छुटकारा नहीं मिल पाया है। सरकार ने टीआरएआई से कॉल ड्राप के खिलाफ कड़ा रुख लेने की वकालत की है। सरकार ने कहा है कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कॉल ड्राप होने के चलते कंपनियों को कितना वित्तिय फायदा होता है। कॉल ड्राप की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और कंपनियों पर कारवाई करने के दबाव के बावजूद कॉल ड्राप की मुसीबत जस की तस कायम है। कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हमारे संवाददाता अमिताभ सिन्हा से बातचीत करते हुए उम्मीद जताई कि इस समस्या का समाधान जल्द ही निकल आएगा।
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