DRDO ने खाद्य उत्पादों की बिक्री के लिए बाबा रामदेव से मिलाया हाथ

DRDO ने खाद्य उत्पादों की बिक्री के लिए बाबा रामदेव से मिलाया हाथ

भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ खाद्य उत्पादों के निर्माण और बिक्री के लिए हाथ मिलाया है। इन खाद्य उत्पादों और हर्बल सप्लीमेंट्स को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं ने विकसित किया है। डीआरडीओ ने बाबा रामदेव की कंपनी के साथ लाइसेंस समझौता किया। इस समझौते के तहत डीआरडीओ की अनुषांगी प्रयोगशाला डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टिट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) की ओर से तैयार सीबकथोर्न (एक प्रकार का फल) पर आधारित उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस तकनीक का हस्तांतरण डीआरडीओ फिक्की एटक कार्यक्रम के तहत किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत ऐसी प्रौद्योगिकियों की पहचान की जाती है जिनका भारत और विदेश में वाणिज्यिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता हो। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य तकनीकों का सामाजिक फायदा उठाना है।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि सीबकथोर्न एक अनोखा उत्पाद है। इसके अलावा सीबकथोर्न से जुड़ी कई अन्य विधियां भी हैं जिसका पतंजलि आयुर्वेद दोहन कर सकता है। पार्रिकर चाहते हैं कि डीआईएचएआर द्वारा विकसित किए गए उत्पाद के अलावा भी पतंजलि आयुर्वेद अन्य स्वास्थ्य उत्पाद लेकर आए। डीआईएचएआर, डीआरडीओ की एक प्रमुख प्रयोगशाला है जो लेह में स्थित है। इसका मुख्य कार्य ठंडे क्षेत्र में कृषि और पशु आधारित उत्पादों की तकनीक विकसित करना ताकि ऐसे क्षेत्रों में ताजा खाना स्थानीय तौर पर उपलब्ध हो।

 

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