
अरूण जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा, भारत में आज हमारी सोच यह है कि हमारे मूलभूत कारक मजबूत से मजबूत हों और वैश्विक स्तर पर एक दूसरे से जुड़ी अर्थव्यवस्था में इस तरह के अस्थाई दौर का सामना करने की हमारी क्षमता बढ़े, ताकि हम ऐसी स्थिति में हों कि कुछ दिनों के बाद तक भी हम ऐसे दौर में मजबूती से खड़े रह सके। वैश्विक बाजारों में आने वाले उतार-चढ़ावों का जिक्र करते हुए फाईनेंस मिनिस्टर मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि वैश्विक स्तर पर उभरने वाले अस्थाई रुझानो, जिसकी मुख्य वजह बाहरी कारण है, उनका मुकाबला करने के लिए देश की बुनियादी क्षमता काफी मजबूत है।
इसलिए घबराने की आवश्कता नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के वृहद आर्थिक संकेतक जैसे मुद्रास्फीति, विदेशी मुद्रा भंडार, ढांचागत परियोजनाओं में पूंजी निवेश और राजस्व प्राप्ति सभी सकारात्मक बने हुए है। उन्होंने कहा कि दुनिया काफी चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है और अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि किए जाने की संभावना के कारण अनिश्चितता बढ़ी है। अरूण जेटली ने कहा, अमेरिका बड़ी अर्थव्यवस्था है, वहां जो कुछ होता है उसका दुनिया पर बड़ा असर पड़ता है। चीन दुनिया की एक और बड़ी अर्थव्यवस्था है, वैश्विक सुस्ती की वजह से यदि उसके विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़े प्रतिकूल संकेत देते है, तो उसका भी प्रभाव होगा और समूचा परिदृश्य इससे प्रभावित होगा। लेकिन यह सब अस्थाई दौर है।
Leave a comment