प्लास्टिक बैन के चलते 51 साल के व्यक्ति ने की आत्महत्या।

प्लास्टिक बैन के चलते 51 साल के व्यक्ति ने की आत्महत्या।

महाराष्ट्र सरकार के प्लास्टिक बैन का फैसला लागू होने के बाद से राज्य में इसके चलते आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है। नागपुर के कश्मीरी लेन में रहने वाले 51 साल के नरेश तोलानी ने 29 जुलाई की देर रात गांधीसागर झील से छलांग लगाकर जान दे दी।
उनकी पत्नी दिव्या को उस रात पलक झपकने का अफसोस है और वह यह कहते हुए बार-बार रो पड़ती हैं। वह बताती हैं कि उनके पति प्लास्टिक बैन की वजह से डिप्रेशन में थे और कई रातों से सोए नहीं थे। उस रात भी दंपती निराश-हताश थे लेकिन पत्नी दिव्या को नींद आ गई। सुबह जब साढ़े चार बजे के आसपास उनकी नींद खुली को देखा पति नरेश बिस्तर पर नहीं हैं। 
 
नरेश के बेटे सुमित ने आनन-फानन में पिता को ढूंढना शुरू किया। वह दौड़ते हुए गांधीसागर झील पहुंचे। जहां एक मॉर्निंग वॉकर ने बताया कि उसने किसी शख्स को झील से छलांग लगाते हुए देखा है। झील के पास से ही सूइसाइड नोट भी बरामद हुआ। प्लास्टिक व्यापारी ने अपने सूइसाइड नोट में लिखा था, 'मैं प्लास्टिक बंदी की वजह से तंग आ गया हूं। मेरी जान का जिम्मेदार मैं स्वयं हूं।' इसके बाद सुमित ने भी पिता को ढूंढने के लिए झील में छलांग लगा दी। काफी मशक्कत के बाद सुमित को पिता की लाश मिली। उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी लेने की गुजारिश भी की। नरेश राज्य के पहले ऐसे शख्स हैं जिन्होंने प्लास्टिक बैन के चलते अपनी जान ले ली। पिछले 30 साल से नरेश केवल प्लास्टिक बैग रिटेल का बिजनस कर रहे थे। वह मैन्युफेक्चरर और होलसेलर से प्लास्टिक बैग खरीदते थे और दुकान-दुकान जाकर बेचते थे। 
 
मार्च के महीने में राज्य में प्लास्टिक बैन की घोषणा होने के बाद उनके बिजनस की डिमांड और सप्लाई कम होने लगी। दिव्या ने बताया, 'पूरे मार्किट में हलचल मच गई। जुर्माने के डर से कोई दुकानदार प्लास्टिक बैग लेने को तैयार नहीं था और इस वजह से मेरे पति की रातें बेचैन होने लगीं।'

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