अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप ने थर्ड जेंडर को क्यों किया खत्म? जानें इस फैसले की वजह

अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप ने थर्ड जेंडर को क्यों किया खत्म? जानें इस फैसले की वजह

Donald Trump's Order For Transgenders: 20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस ऐतिहासिक दिन की बजाय, उनके भाषण को लेकर ज्यादा चर्चा हो रही है। ट्रंप ने भाषण में कहा कि अब अमेरिका में केवल दो लिंगपुरुष और महिला को ही आधिकारिक तौर पर मान्यता दी जाएगी। जन्म के समय जो लिंग निर्धारित किया गया है, उसे अब कानूनी रूप से बदला नहीं जा सकेगा।

ट्रंप का यह कदम उनकी चुनावी राजनीति से जुड़ा हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कई बार ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ बयान दिए थे। उनका मानना था कि सेना में ट्रांसजेंडर लोगों की मौजूदगी से सुरक्षा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उनका तर्क था कि जेंडर की परिभाषा जन्म के आधार पर रखी जाए, ताकि समाज और प्रशासन को इसका फायदा हो।

अमेरिका में ट्रांसजेंडर्स की स्थिति

2022के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 30साल से कम उम्र के 5.1%लोग ट्रांसजेंडर या नॉन-बाइनरी हैं। वहीं, 13साल से ऊपर के 16.4लाख लोग ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान रखते हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

ओबामा और ट्रंप के बीच नीतियों का अंतर

ओबामा प्रशासन ने LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा दिया था। वहीं, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इन अधिकारों पर पाबंदियां लगने लगीं। ट्रंप ने तीसरे लिंग की मान्यता को खत्म कर दिया। बाइडेन प्रशासन ने 2021में इस फैसले को पलटने की कोशिश की थी।

ट्रांसजेंडर्स पर इसका प्रभाव

ट्रंप के फैसले से ट्रांसजेंडर लोग अब कानूनी रूप से अपना लिंग नहीं बदल सकेंगे। इसके अलावा, सरकारी नौकरियों और सेना में उनके लिए रास्ते बंद हो सकते हैं। इस फैसले से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मानसिक और सामाजिक संघर्ष बढ़ सकता है, और विरोध भी हो सकता है।

यह विवादास्पद निर्णय अमेरिका के ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। ट्रंप के इस कदम से उनके अधिकारों में कटौती हो सकती है और उनके जीवन पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।

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