कौन हैं ट्रंप टैरिफ का मास्टरमाइंड पीटर नवारो? भारत के खिलाफ खूब उगलते है जहर

कौन हैं ट्रंप टैरिफ का मास्टरमाइंड पीटर नवारो? भारत के खिलाफ खूब उगलते है जहर

Who Is Peter Navarro: पीटर नवारो एक अमेरिकी अर्थशास्त्री, लेखक और राजनेता हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में अपने आक्रामक व्यापार नीति विचारों और चीन के खिलाफ सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। उनकी पुस्तक 'Death by China' ने उन्हें वैश्विक मंच पर चर्चा में ला दिया। हाल के दिनों में, नवारो भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणियों के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं, जिसने भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव को उजागर किया है।

कौन हैं पीटर नवारो?

पीटर नवारो का जन्म 15जुलाई 1949को कैमब्रिज, मैसाचुसेट्स में हुआ था। उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री हासिल की और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की। नवारो एक प्रोफेसर, लेखक और व्यापार नीति विशेषज्ञ के रूप में लंबे समय तक काम कर चुके हैं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं और उनकी विशेषज्ञता वैश्विक व्यापार, विशेष रूप से अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों पर केंद्रित रही है।

नवारो ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें 'The Coming China Wars' (2006) और 'Death by China' (2011) सबसे फेमस हैं। बता दें, 'Death by China' जिसे उन्होंने ग्रेग ऑट्री के साथ मिलकर लिखा। जो चीन की आर्थिक नीतियों, जैसे कि अवैध निर्यात सब्सिडी, मुद्रा हेरफेर और अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने की उनकी कथित रणनीतियों की आलोचना करती है। इस किताब को 2012में एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में भी रूपांतरित किया गया, जिसने नवारो को अमेरिकी राष्ट्रवादी और संरक्षणवादी हलकों में लोकप्रिय बना दिया। उनकी तीखी भाषा और आक्रामक शैली ने उन्हें ट्रंप जैसे नेताओं के लिए एक आकर्षक सलाहकार बनाया।

ट्रंप के साथ कैसे बने खास?

नवारो का ट्रंप के साथ रिश्ता साल 2016के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान शुरू हुआ। ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर ने 'Death by China' को अमेजन पर देखा और नवारो से संपर्क किया। नवारो की आर्थिक राष्ट्रवाद और 'अमेरिका फर्स्ट' की नीतियां ट्रंप के विचारों से मेल खाती थीं। नवारो ने ट्रंप के चुनाव अभियान में व्यापार नीति सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में 2017में ट्रंप प्रशासन में ऑफिस ऑफ ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के निदेशक बने।

ट्रंप का पहला कार्यकाल

ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) में, नवारो ने स्टीव बैनन और स्टीफन मिलर जैसे राष्ट्रवादी नेताओं के साथ मिलकर 'अमेरिका फर्स्ट' नीति को आकार दिया। उन्होंने चीन के खिलाफ टैरिफ लगाने, व्यापार घाटे को कम करने और अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने की रणनीतियों को लागू करने में अहम भूमिका निभाई। नवारो ने यूनाइटेड स्टेट्स फेयर एंड रिसिप्रोकल टैरिफ एक्ट जैसे प्रस्तावों का समर्थन किया, जो राष्ट्रपति को व्यापक टैरिफ शक्तियां देने की मांग करता था।

ट्रंप का दूसरा कार्यकाल 

इसके बाद साल 2025में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, नवारो फिर से व्यापार सलाहकार के रूप में अहम भूमिका में हैं। वह टैरिफ को एक 'हथियार' के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति के प्रमुख रणनीतिकार हैं, जिसके तहत अमेरिका ने कई देशों, खासकर भारत और चीन, पर भारी टैरिफ लगाए हैं।

भारत के खिलाफ क्यों उगलते हैं जहर?

हाल के महीनों में, नवारो ने भारत के खिलाफ कई तीखे बयान दिए हैं, जिनमें भारत को 'टैरिफ का महाराजा' और 'रूस की वॉशिंग मशीन' जैसे शब्दों से नवाजा गया है। दरअसल, नवारो ने भारत के रूस से कच्चे तेल की खरीद की कड़ी आलोचना की है। उनका दावा है कि भारत सस्ते रूसी तेल को खरीदकर उसे रिफाइन करके और प्रीमियम कीमतों पर बेचकर मुनाफा कमा रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए वित्तीय मदद मिल रही है। उन्होंने इसे 'अवसरवादी' और 'मुनाफाखोरी' करार दिया है।

इसके अलावा नवारो ने भारत और चीन के बीच हालिया सकारात्मक कूटनीतिक कदमों, जैसे कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे और चीनी पर्यटकों के लिए वीजा बहाली, पर चिंता जताई है। उनका मानना है कि भारत का रूस और चीन के साथ बढ़ता सहयोग अमेरिका की रणनीति, खासकर चीन को घेरने की नीति, के लिए खतरा है।

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