भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की की चाल, S-400 बेचकर F-35 हासिल करने की प्लानिंग; मध्य-पूर्व में हलचल

भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की की चाल, S-400 बेचकर F-35 हासिल करने की प्लानिंग; मध्य-पूर्व में हलचल

S-400 And F-35: हाल के कुछ महीनों में मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जिसमें तुर्की, पाकिस्तान, अमेरिका और इजरायल जैसे देशों की रणनीतिक गतिविधियां चर्चा का केंद्र बन गई हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, तुर्की अपने पास मौजूद रूसी S-400एयर डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तान को बेचने की योजना बना रहा है। ताकि वह अमेरिका से अत्याधुनिक F-35स्टील्थ फाइटर जेट खरीद सके। इस संभावित डील ने इजरायल की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

S-400और F-35का खेल

बता दें, तुर्की ने साल 2017में रूस से S-400एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का सौदा किया था, जिसके बाद अमेरिका ने साल 2019में तुर्की को F-35प्रोग्राम से बाहर कर दिया था। अमेरिका का तर्क था कि रूसी S-400सिस्टम नाटो की तकनीक, खासकर F-35की गोपनीयता, के लिए खतरा हो सकता है। इस कारण तुर्की पर CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध भी लगाए गए थे।

वहीं, अब तुर्की इस स्थिति को बदलने की कोशिश में है। तुर्की अपने S-400सिस्टम को पाकिस्तान को बेचकर अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहता है, ताकि F-35जेट्स की खरीद का रास्ता साफ हो सके। तुर्की के रक्षा मंत्री यासर गुलर ने हाल ही में दावा किया कि S-400सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल है और जरूरत पड़ने पर 12घंटे में तैनात किया जा सकता है। हालांकि, तुर्की ने अभी तक इन सिस्टम्स को सक्रिय नहीं किया है।

पाकिस्तान को S-400बेचने से बढ़ी भारत की चिंता?

यदि तुर्की अपने S-400सिस्टम को पाकिस्तान को बेचता है, तो यह भारत के लिए रणनीतिक चुनौती पैदा कर सकता है। क्योंकि पाकिस्तान की वायु रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा होगा। हालांकि, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को देखते हुए S-400जैसी महंगी प्रणाली खरीदना उसके लिए लगभग असंभव है। इसके अलावा तुर्की को S-400बेचने के लिए रूस की अनुमति की जरूरत होगी, जो इस सौदे को जटिल बना सकती है।

मालूम हो कि भारत ने 2018 में रूस से 5.43 अरब डॉलर में पांच S-400 स्क्वाड्रन खरीदे थे, जिनमें से तीन स्क्वाड्रन 2023 तक प्राप्त हो चुके हैं और बाकी दो 2025-26 तक मिलने की उम्मीद है। ये सिस्टम भारत ने खास तौर पर चीन और पाकिस्तान से हवाई और मिसाइल खतरों को ध्यान में रखकर तैनात किए हैं। S-400 400 किलोमीटर तक की रेंज में 72 मिसाइलों को एक साथ छोड़ सकता है। साथ ही, लड़ाकू विमानों, ड्रोनों और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। 

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