सड़कों पर छाया सन्नाटा...हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर कड़ा पहरा, बांग्लादेश में कर्फ्यू जैसे हालात

सड़कों पर छाया सन्नाटा...हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर कड़ा पहरा, बांग्लादेश में कर्फ्यू जैसे हालात

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा की आग में झुलस रहा है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की अशांति ने पूरे देश को हिला दिया है। राजधानी ढाका की सड़कों पर अब सन्नाटा पसरा है, जबकि हिंदू समुदाय के लोग घरों में दुबके हुए हैं। जगह-जगह पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती है, ताकि किसी नई हिंसा को रोका जा सके। अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन तनाव कम होने के नाम नहीं ले रहा।  

बांग्लादेश में डर का माहौल

20दिसंबर को हादी का जनाजा ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में हुआ, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए। सरकार ने राजकीय शोक घोषित किया और यूनुस खुद जनाजे में मौजूद रहे। जनाजे के बाद स्थिति कुछ शांत हुई, लेकिन ढाका में पुलिस का कड़ा पहरा जारी है। सड़कें सूनी हैं, दुकानें बंद और लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। कुछ इलाकों में भारत-विरोधी नारे भी लगे।

कुल मिलाकर, बांग्लादेश नाजुक दौर से गुजर रहा है। सरकार से उम्मीद है कि जांच तेज कर शांति बहाल की जाएगी, ताकि चुनावी प्रक्रिया बाधित न हो और सभी समुदाय सुरक्षित महसूस करें। लोग संयम बरतें और अफवाहों से बचें, क्योंकि हिंसा से किसी का भला नहीं होता। स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है।

उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा

हादी, जो इंकलाब मंच के प्रमुख चेहरों में थे और जुलाई 2024के छात्र आंदोलन के नायक माने जाते थे, पर 12दिसंबर को ढाका में बाइक सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी। गंभीर रूप से घायल हादी को सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18दिसंबर को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर फैलते ही 18-19दिसंबर की रात ढाका सहित कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउसों पर हमले किए, अखबारों के दफ्तरों में आग लगाई और सांस्कृतिक संस्थानों को निशाना बनाया।

इन घटनाओं के बीच सबसे चिंताजनक रही मैमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग। 18 दिसंबर की रात कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने 27 वर्षीय दीपू को पीट-पीटकर मार डाला। इतना ही नहीं, शव को पेड़ से लटकाया और आग लगा दी। जिसके बाद अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की। इस मामले में अभी तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को सजा मिलेगी।

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