
Israel-Iran Tension: इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। हाल के हमलों ने एक बार फिर इन क्षेत्रों को आग में झोंक दिया है। जहां इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर सटीक और सुनियोजित हमले किए हैं। इन हमलों की रणनीति को उसी तर्ज पर देखा जा रहा है, जो इजरायल ने हमास के खिलाफ गाजा में अपनाई थी। हमलों की रणनीति थी - खुफिया जानकारी, अचूक निशाना, और दुश्मन के गढ़ में घुसकर वार। लेकिन इस बार निशाना ईरान है, और दांव पहले से कहीं ज्यादा ऊंचे हैं।
ईरान पर भी हमास जैसी रणनीति
इजरायल की रणनीति में हमास और ईरान के खिलाफ कई समानताएं देखी जा सकती हैं। हमास के खिलाफ गाजा में इजरायल ने सुरंगों और आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए मोसाद की खुफिया जानकारी का उपयोग किया था। ईरान में भी मोसाद ने सालों पहले से ड्रोन बेस और हथियार प्रणालियां स्थापित कर रखी थीं, जिन्हें सही समय पर सक्रिय किया गया।
इसके अलावा हमास के कमांडरों को निशाना बनाने के लिए इजरायल ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। ईरान में भी मोसाद ने सटीक हमलों से बैलिस्टिक मिसाइल लांचरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। गाजा में इजरायल ने हमास को कमजोर करने के लिए लगातार हमले और प्रचार का सहारा लिया। ईरान के खिलाफ भी नेतन्याहू ने ईरानी जनता से उनकी सरकार के खिलाफ बगावत करने की अपील की, ताकि मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जाए।
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