
Shubhanshu Shukla Update: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में इतिहास रचते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रवेश कर लिया है। वे अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री और ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। बता दें, 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के साथ उनकी यात्रा शुरू हुई। यह ऐतिहासिक यात्रा 28 घंटे बाद यानी 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम लगभग 4:05 बजे ISS पर सफलतापूर्वक डॉकिंग के साथ पूरी हुई। इसी के साथ शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से पहला संदेश भेजा है। उन्होंने अपने संदेश में अपनी इस यात्रा को शानदार बताया है।
शुभांशु शुक्ला ने भेजा अंतरिक्ष से पहला संदेश
अंतरिक्ष यान के उड़ान भरने के महज 10 मिनट बाद शुभांशु ने अपने पहले संदेश में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा 'नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! काफी साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में पहुंचे हैं। कमाल की सवारी थी। मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो मुझे याद दिलाता है कि मैं इस यात्रा में अकेला नहीं हूं। यह भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। आइए, हम सब मिलकर इसे रोमांचक बनाएं। जय हिंद, जय भारत!'
ISS पहुंचने के बाद उन्होंने हिंदी में एक और संदेश भेजा। उन्होंने कहा 'मेरे प्यारे देशवासियों, मैं यहां सुरक्षित पहुंच चुका हूं। यहां खड़े रहना आसान लगता है, लेकिन मेरा सिर थोड़ा भारी है। ये छोटी-मोटी चुनौतियां हैं, जिनकी हमें आदत हो जाएगी। यह मेरे लिए और पूरे देश के लिए गर्व का पल है।'
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में नया अध्याय
शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के पायलट हैं। जो नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस की साझेदारी में एक निजी अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन में उनके साथ मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन (पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री), हंगरी के टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की शामिल हैं। पैगी व्हिटसन ने शुभांशु को अंतरिक्ष यात्री पिन प्रदान कर उन्हें आधिकारिक तौर पर 634वां अंतरिक्ष यात्री घोषित किया। यह मिशन भारत के लिए बेहद खास है, क्योंकि यह 1984 में राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद किसी भारतीय की ISS तक की यात्रा है।
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