
India-US Trade Agreement: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चल रही बातचीत में नया मोड़ आया है। जानकारी के अनुसार, 25अगस्त 2025को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की एक टीम भारत का दौरा करने वाली है, ताकि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement - BTA) पर छठे दौर की वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके। बता दें, यह दौरा 01अगस्त की समय सीमा से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, जब अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों की निलंबन अवधि समाप्त हो रही है।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की चर्चा पिछले कुछ महीनों से तेज हो गई है। जुलाई 2025में वाशिंगटन में पांचवें दौर की वार्ता समाप्त हुई थी, जिसमें भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के साथ गहन चर्चा की थी। दोनों देशों का लक्ष्य सितंबर-अक्टूबर 2025तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देना है। लेकिन इससे पहले एक अंतरिम समझौते पर सहमति बनाना प्राथमिकता है। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की राह में कई महत्वपूर्ण मुद्दे बाधा बने हुए हैं।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में बाधा
अमेरिका भारत से कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क में रियायत चाहता है, जिसमें सेब, बादाम, अखरोट और आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) फसलों और पशु चारा शामिल हैं। दूसरी ओर, भारत ने डेयरी क्षेत्र में किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत शुल्क रियायत देने से इनकार किया है। इसके अलावा भारत अमेरिका से इस्पात और एल्यूमीनियम पर 50%और ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर 25%शुल्क को कम करने की मांग कर रहा है। साथ ही, भारत ने प्रस्तावित 26%अतिरिक्त शुल्क को हटाने पर जोर दिया है। दूसरी ओर, अमेरिका औद्योगिक सामानों, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर शुल्क रियायत चाहता है।
दोनों देश क्या चाहते हैं?
बता दें, भारत राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दे रहा है और समय सीमा के दबाव में समझौता करने से बच रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कोई बड़ा विवाद नहीं है। भारत का लक्ष्य 2030तक द्विपक्षीय व्यापार को 191अरब डॉलर से बढ़ाकर 500अरब डॉलर करना है।
वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 01 अगस्त 2025 की समय सीमा तय की है। जिसके बाद भारत सहित कई देशों पर 26% तक के पारस्परिक शुल्क लागू हो सकते हैं। हालांकि, ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत के साथ समझौता "करीब" है। अमेरिका भारत को अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देखता है।
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