पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने बांग्लादेश बवाल पर चिंता जताई, बोले - भारत और पड़ोसी देशों का भविष्य...

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने बांग्लादेश बवाल पर चिंता जताई, बोले -  भारत और पड़ोसी देशों का भविष्य...

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद पूरे देश में तनाव और हिंसा का माहौल बना हुआ है। ढाका सहित कई शहरों में तोड़फोड़, आगजनी और हिंसक झड़पें हुईं। एक तरफ जहां 27वर्षीय बांग्लादेशी हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या की गई थी। इस मामले में अभी तक 10लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरी तरफ, हादी के समर्थको ने यूनुस सरकार को 24घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि 24घंटे के अंदर हादी के सभी हत्यारों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। अगर समय सीमा के अंदर ऐसा नहीं हुआ तो पूरे देश में बड़ा आंदोलन होगा।

इस बीच, भारत के पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) मनोज मुकुंद नरवणे ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर बयान दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और उसके पड़ोसी देशों का भविष्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा हुआ है, इसलिए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सकारात्मक संबंध बनाए रखना आवश्यक है।

जनरल नरवणे का बयान

दरअसल, जनरल नरवणे ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक और दोस्ती भरे रिश्ते कायम करने की दिशा में हमेशा आगे रहा है। बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर सीधे टिप्पणी करने से बचते हुए उन्होंने कहा कि किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाता, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी में अक्सर ऐसी बातें कही जाती हैं जो सच्चाई से परे होती हैं। उनका इशारा स्पष्ट रूप से उन अफवाहों और आरोपों की ओर था जो हाल के दिनों में भारत-विरोधी नारों और प्रदर्शनों में देखे गए हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत ने देश को हिला दिया है। हादी पर 12 दिसंबर को ढाका में गोलीबारी हुई थी, जिसके बाद उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद ढाका सहित कई शहरों में बड़े प्रदर्शन हुए, तोड़फोड़ और हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हादी की मौत पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया और शांति की अपील की। हालांकि, कुछ प्रदर्शनों में भारत-विरोधी भावनाएं भी सामने आईं, जिसने द्विपक्षीय संबंधों पर सवाल खड़े किए हैं।

Leave a comment