
Osman Hadi Burial: बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। जुलाई 2024के छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता और इंकिलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन भड़क उठे हैं। 18दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान हादी की मौत हो गई, जिसके बाद ढाका सहित कई शहरों में तोड़फोड़, आगजनी और हमले भी हुए। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शांति की अपील की है। इस बीच, 20दिसंबर को होने वाले जनाजे और दफन को लेकर हाई अलर्ट जारी है। हादी को ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस में राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के बगल में दफनाया जाएगा।
हादी की मौत और हिंसा की शुरुआत
बता दें, 32वर्षीय शरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024के छात्र विद्रोह के प्रमुख चेहरों में से एक थे, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता गिरा दी। वे फरवरी 2026के चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में प्रचार कर रहे थे। 12दिसंबर को ढाका में मस्जिद से निकलते समय मास्कधारी हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका और फिर सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
मौत की खबर फैलते ही ढाका में शाहबाग चौराहे पर हजारों छात्र और समर्थक जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने 'तुम कौन हो, मैं कौन हूं - हादी, हादी' जैसे नारे लगाए। लेकिन देखते-ही-देखते प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गए। प्रोथोम आलो और डेली स्टार जैसे प्रमुख अखबारों के ऑफिसों पर हमले हुए, आगजनी की गई। बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पत्थरबाजी हुई। कुछ जगहों पर अल्पसंख्यकों पर हमले भी किए गए। अंतरिम सरकार ने इसे "कुछ उपद्रवी तत्वों" की करतूत बताया और शांति की अपील की।
जनाजे और दफन की तैयारी
इस हिंसा के बीच हादी का शव 19दिसंबर की शाम सिंगापुर से ढाका पहुंच गया। जिसके बाद आज 20दिसंबर दोपहर 2बजे जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा (मानिक मिया एवेन्यू) पर जनाजे की नमाज होगी। इसके बाद शव को ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस ले जाया जाएगा, जहां परिवार की इच्छा से उन्हें राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के मकबरे के पास दफनाया जाएगा। अंतरिम सरकार ने इंकिलाब मंच ने समर्थकों से शांतिपूर्ण रहने और केवल उनके निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
मोहम्मद यूनुस ने हादी की मौत को "राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति" बताया। इसी के साथ वह जनाजे में भी शामिल होंगे। सरकार ने 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है, झंडे आधे झुके रहेंगे और विशेष प्रार्थनाएं होंगी। ढाका में सेना, बॉर्डर गार्ड और पुलिस की भारी तैनाती है। ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और जनाजे में आने वालों से बैग न लाने की सलाह दी गई है।
Leave a comment