
America Trade Deal With India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26जून को वाशिंगटन डीसी में आयोजित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने चीन के साथ एक व्यापारिक समझौता कर लिया है और जल्द ही भारत के साथ एक 'बहुत बड़ी' ट्रेड डील होने वाली है। ट्रंप ने कहा 'हमने कल ही चीन के साथ समझौता किया। अब हम भारत के साथ एक बहुत बड़ा समझौता करने जा रहे हैं, जिससे भारत को खोला जाएगा।' इस बयान ने वैश्विक व्यापार और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर नई उम्मीदें जगाई हैं।
अमेरिका और चीन का समझौता
बता दें, ट्रंप ने चीन के साथ हुए समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि यह समझौता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थिर करने में मदद करेगा। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह समझौता दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ्स) की आपूर्ति पर केंद्रित है। जो इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर सैन्य उपकरणों तक के लिए जरूरी हैं। इस समझौते के तहत अमेरिका ने चीनी आयात पर 55%टैरिफ और चीन ने अमेरिकी आयात पर 10%टैरिफ लागू करने पर सहमति जताई है।
इसके बदले, चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में चीनी छात्रों की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी है। मालूम हो कि यह समझौता मई 2025में जेनेवा में हुए अस्थायी व्यापारिक युद्धविराम का हिस्सा है। जिसने दोनों देशों के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध को कम करने में मदद की।
भारत के साथ ट्रेड डील
वाशिंगटन डीसी में आयोजित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में ट्रंप ने भारत के साथ संभावित व्यापारिक समझौते को 'बहुत बड़ा' बताते हुए कहा कि यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार के लिए और खोलेगा। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024में 129अरब डॉलर रहा, जिसमें भारत को 45.7अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) प्राप्त था। ट्रंप ने पहले भारत को 'उच्च टैरिफ वाला देश' और 'टैरिफ किंग' करार देते हुए आलोचना की थी, लेकिन अब दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।
बता दें, भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेम्सन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक के साथ चर्चा कर रहा है। भारतीय पक्ष ने ऑटो पार्ट्स पर 'जीरो-फॉर-जीरो' टैरिफ नीति का प्रस्ताव रखा है। जिसके तहत दोनों देश कुछ वस्तुओं पर टैरिफ पूरी तरह हटा सकते हैं। इसके अलावा भारत ने अमेरिकी इथेन, सेब और अन्य खाद्य उत्पादों के आयात पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है, जबकि अमेरिका भारतीय झींगा निर्यात से संबंधित बाधाओं को दूर करने पर काम कर रहा है
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